मसाला वाली फसलों में धनिया का अपना एक अलग ही पहचान है! धनिया कुछ खूबिया जो की खुशबू और अनोखे स्वाद के कारण लोग इसे सब्जी मसालों के साथ प्रथम प्रयोग में लेते है! यदि हम ताजा और पत्तीदार धनिया की बात करे, सब्जी में स्वाद और खुसबू के लिए तो इसका इस्तेमाल हर सब्जी पकने के बाद में किया जाता है। इतना ही नही लोग ताजा धनिये को पाने के लिए अपने घरो के गमलों और बगीचे में उगा लेते हैं! इन सभी बातो से आप क्या समझते है, यही की वास्तव में धनिया का इस्तेमाल सभी घरों में लगभग प्रतिदिन किया जाने वाला पहला मसाला है!
धनिया भारत में सबसे ज्यादा उत्पाद किया जाता है! भारत विश्व की तुलना में 80% धनिया का उत्पादक करता है! धनिया विश्वभर में उगाया जाता है। यह एक प्रसिद्ध मसाला है और इसे खाद्य में भी उपयोग किया जाता है। धनिया भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मेक्सिको, अमेरिका, थाईलैंड, चीन, ईरान, तुर्की, रूस, ब्राज़िल, आर्जेंटीना, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी, यूनान, इटली, आदि देशों में उगाया जाता है। 2023 भारत में धनिया का भाव लगातार उछाल ले रहा है तो किसान भाई को समय पर उचित भाव मिलना जरुरी है! आज का मंडी भाव के लिए हमारे साथ जुड़े रहे! हम रोजाना सभी मंडी के भाव की स्टिक जानकारी देते है!
धनिया का भाव भविष्य 2023
किसी अनाज का भाव लगाना मुस्किल होता है, हम या कोई भविष्य का दावा नही कर सकता है! भाव का अनुमान जब लगाया जा सकता है जब विदेशो में धनिये की मांग बढती है!
भारत के व्यापारी भनिए की पूर्ति करने के लिए किसानो को अच्छा मुनाफा देता है! यह मुनाफा किसान के अनाज का भाव तेज किया जाता है, तो किसान को सहायता मिलते है!
मंडी | भाव |
दाहोद | 2500 |
दमनगर | 4400 |
पड़रा | 3250 |
राजकोट | 3250 |
अंबाला | 2250 |
दामोद | 3500 |
दमनगर | 4400 |
राजकोट | 3500 |
मुंबई | 1400 |
भारत में धनिया के उत्पादक राज्य
भारत में धनिया का उत्पादन अन्यान्य फसलों के साथ अधिकतर राज्यों में किया जाता है। हालांकि, कुछ राज्य धनिया के उत्पादक राज्य के रूप में माने जाते हैं। निम्नलिखित हैं भारत के कुछ प्रमुख धनिया उत्पादक राज्य:
- गुजरात
- राजस्थान
- मध्य प्रदेश
- उत्तर प्रदेश
- हरियाणा
- पंजाब
- महाराष्ट्र
- छत्तीसगढ़
- बिहार
- जम्मू और कश्मीर
यह राज्य भारत में धनिया के बड़े उत्पादकों में से कुछ हैं।
धनिया की उन्नत किस्में
वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के उन्नयन के कारण अब धनिया के कई उन्नत किस्में उपलब्ध हैं जो बीमारियों से लड़ने में अधिक सक्षम हैं और उत्पादन में अधिक उत्पादक हैं। धनिया की कुछ उन्नत किस्में निम्नलिखित हैं:
- उमा: यह उन्नत धनिया की सबसे लोकप्रिय किस्म है जो अधिक उत्पादक है और सुगंधित फलीय और गहरे हरे पत्तों वाली होती है।
- ज्योति: यह धनिया की एक और उन्नत किस्म है जो उत्तर भारत में खेती के लिए अधिक उपयुक्त है। इसकी फलीय सुगंधित होती है और यह उत्पादन में अधिक उत्पादक है।
- श्यामला: यह उन्नत धनिया की एक और लोकप्रिय किस्म है जो पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में उगाई जाती है। इसके फलीय विशिष्ट और आकर्षक होती हैं।
- अमृत धनिया: यह उन्नत धनिया की एक और उपयुक्त किस्म है जो भारत के कुछ हिस्सों में उगाई जाती है। इसकी फलीय सुगंधित होती है और यह फली की संख्या में अधिक होता है।
धनिया के लिए मिट्टी और जलवायु
धनिया की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी उच्च मात्रा में वातावरणीय मैकानिकल तत्वों के साथ तैयार और फुलवाड़ी होनी चाहिए। मृदा में नीत्रोजन, पोटैशियम और फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्वों की उच्च मात्रा होनी चाहिए। धनिया के लिए अच्छी मिट्टी लोमड़ी मिट्टी या मृदा में थोड़ी माटी और कंपोस्ट मिलाकर तैयार की जाती है।
धनिया की खेती के लिए उच्च तापमान, उच्च नमी और अच्छी वर्षा वाले जलवायु की आवश्यकता होती है। धनिया उष्णकटिबंधीय फसल होती है, जो 15-25 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर अधिक अच्छी तरह से उगती है। इसके लिए 25-35 सेमी की बर्फ की स्तर की तापमान की आवश्यकता होती है। धनिया की फसल को समय-समय पर सिंचाई की आवश्यकता होती है और उच्च नमी वाले भूमि का चयन किया जाना चाहिए।
एशिया की सबसे बड़ी धनिया मंडी कहा स्थित है?
एशिया में कई बड़ी धनिया मंडियां हैं लेकिन उनमें से सबसे बड़ी मंडी भारत में स्थित है। भारत में राजस्थान राज्य के अलवर जिले में स्थित कोटा मंडी एशिया की सबसे बड़ी धनिया मंडी में से एक है। यहां सालाना लगभग 5 लाख मीट्रिक टन से अधिक धनिया बिकता है जो पूरे देश से आता है। इसके अतिरिक्त रूप से, पाकिस्तान में कराची, लाहौर और फैसलाबाद में भी बड़ी धनिया मंडियां हैं। बांग्लादेश में ढाका और चिटागांग में भी धनिया की बड़ी मंडियां हैं!
धनिया की खेती
धनिया जो गर्म और सूखे क्षेत्रों में उगाई जा सकती है। यह एक छोटी पौधा होती है जो अन्य फसलों के साथ संयुक्त खेती की जा सकती है। धनिया की खेती उष्णकटिबंधीय और द्विफसलीय खेती की जा सकती है।
धनिया की बीज बोने के लिए, मिट्टी को गर्म बनाना चाहिए ताकि बीजों का उगाना आसान हो सके। धनिया के बीजों को मिट्टी में लगभग 2 से 3 सेमी की गहराई तक बोना जाना चाहिए। इसके बाद, धनिया की खेती के लिए बोने गए बीजों को नियमित रूप से पानी देना चाहिए।
धनिया की फसल को 20 से 30 दिनों के बाद हल्के से हल्के निकास कर दिया जाना चाहिए ताकि यह अच्छी तरह से बढ़ सके। इसके बाद, फसल को नियमित रूप से पानी देना जारी रखना चाहिए। फसल में रोगों और कीटों का संभावित प्रकोप होने पर इसके लिए उपयुक्त कीटनाशक देना चाहिए।
धनिया की फसल को फूलने के बाद लगभग 30 से 35 दिनों में पकने के लिए तैयार हो जाती है।
बुवाई का समय
धनिया की बुवाई का समय विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग हो सकता है, लेकिन यह सामान्य रूप से दो सीजनों में की जाती है।
अक्टूबर से नवंबर महीने में धनिया की बुवाई गर्म क्षेत्रों में की जाती है। यह समय इसलिए उचित होता है क्योंकि यह फसल अधिक उष्णता को बर्दाश्त कर सकती है और बीज बोने के बाद उगाना आसान होता है।
जबकि ठंडे क्षेत्रों में, जैसे कि उत्तर भारत, धनिया की बुवाई फरवरी या मार्च महीने में की जाती है। यह समय उचित होता है क्योंकि धनिया इन महीनों में अधिक सुखाने के लिए उपलब्ध होती है और अधिक ठंडा जल भी उपलब्ध होता है।
इसलिए, धनिया की बुवाई का समय क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग हो सकता है, लेकिन यह सामान्य रूप से गर्म या ठंडे मौसम में की जाती है।