राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन के तहत राज्य सरकार ने इस बार तारबंदी का लक्ष्य आवंटित किया गया है। यह टारगेट गत वर्ष की तुलना में लगभग सात गुणा है। फसलों की सुरक्षा के लिए तारबंदी करने के इच्छु काश्तकारों को बड़ी राहत मिली है।
राज्य में हिरण, नील गाय और निराश्रित पशुओं से फसलों को भारी नुकसान होता है। गाँवों के आस-पास खेती करने वाले किसानों को दिन-रात रखवाली करनी पड़ती है। अन्यथा निराश्रित पशु कुछ पल ही फसल को चट कर जाते हैं।
पहली बार पति-पत्नी दोनों ही योजना के तहत पात्र
आवेदन करने वाले सभी काश्तकारों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर लाभान्वित किया जाएगा। पहली बार पति-पत्नी दोनों ही योजना के तहत पात्र होंगे। नियमानुसार पत्नी के नाम भी जमीन होनी चाहिए। तारबंदी में अनुदान व्यक्तिगत श्रेणी समूह और सामुदायिक श्रेणी में दिया जाएगा।
तारबंदी योजना के लिए पात्रता
- व्यक्तिगत श्रेणी में कम से कम 6 बीघा जमीन होना आवश्यक है।
- 6 बीघा से कम जमीन वाले काश्तकार पात्र नहीं होंगे।
- समूह श्रेणी में तीन किसान एक साथ आवेदन कर सकेंगे।
- इसमें जमीन की कोई बाध्यता नहीं होगी।
- व्यक्तिगत और समूह श्रेणी में लागत का 50 प्रतिशत एवं अधिकतम 40 हजार रुपए अनुदान देय है।
खेत में तारबंदी योजना के लिए अनुदान राशी
लघु एवं सीमांत काश्तकारों को 8 हजार रुपए का अतिरिक्त अनुदान देय होगा। सामुदायिक श्रेणी में 10 किसान मिलकर आवेदन कर सकेंगे। सामुदायिक श्रेणी में लागत का 70 प्रतिशत या अधिकतम एक किसान को 56 हजार रुपए अनुदान देय होगा। व्यक्तिगत और समूह श्रेणी में एक किसान को 400 मीटर की तारबंदी पर ही अनुदान मिलेगा।
नोट:- इससे अधिक लंबाई में तारबंदी करवाने की स्थिति में खर्च स्वयं काश्तकार को ही वहन करनी जिले में इस बार तारबंदी का सरकार ने लक्ष्य बढ़ाया है। गत वर्ष की तुलना में लगभग सात गुणा ज्यादा लक्ष्य मिला है। होगी। लक्ष्य आवंटित होने के बाद कृषि विभाग की ओर से काश्तकारों को योजना के बारे में जानकारी दी जा रही है।
अनुदान के लिए आवेदकों को इन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता
1). कृषक को अनुदान के लिए जन आधार कार्ड संख्या देना अनिवार्य होगा।
2). आवेदन पत्र के साथ नवीनतम जमाबंदी की नकल जो कि छह माह से होगा। ज्यादा पुरानी नहीं हो। राजस्व विभाग द्वारा प्रदत्त स्वामित्व की पासबुक की प्रमाणित प्रति संलग्न करनी होगी।
3). कृषक के स्वयं के नाम से भू-स्वामीत्व नहीं होने की स्थिति में अर्थात पिता के जीवित होने एवं परिवार से अलग रहने अथवा मृत्यु पश्चात नामांतरण के अभाव में यदि आवेदक कृषक स्वयं के पक्ष में राजस्व विभाग द्वारा देय भू-स्वामीत्व का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना
4). जिन कृषकों के जन आधार पर लघु एवं सीमांत कृषक श्रेणी में पंजीयन होने पर ही उनको ही लघु एवं सीमांत कृषक मानते हुए अनुदान के लिए पात्र माना जाएगा।
5). तारबंदी करने पर व्यय हुई राशि के बिल जिसमें कांटेदार तार/चैनल का जीएसटी बिल अनिवार्य होगा।
सरकार ने तारबंदी का लक्ष्य बढ़ाया, काश्तकार ऑनलाइन कर सकेंगे आवेदन
काश्तकारों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद तारबंदी कर योजना के तहत अनुदान प्राप्त कर सकेंगे। लक्ष्य बढ़ने से किसानों को बड़ी राहत मिली है।
हनुमानगढ़ जिले में तारबंदी योजना
यह टारगेट आवेदकों की संख्या की तुलना में बहुत कम था। इसलिए कृषि विभाग की ओर से कई बार कृषि संबंधी पत्र लिखे गए। इसी कारण सरकार ने इस बार हनुमानगढ़ जिले में लक्ष्य 100 किलोमीटर की बजाए 670 किलोमीटर आवंटित किया है। आवारा पशुओं से सुरक्षा की योजना होने के कारण किसी भी ट्रस्ट, सोसायटी, स्कूल, संस्थान आदि को योजनांतर्गत लाभान्वित नहीं किया जाएगा।