किसान साथियों, अनाज बाजार भाव में तेजी-मंदी के लिए हमने जानकारों से गेहूं, बाजरा, मक्की, चावल और सोयाबीन, मसूर, चना भाव की रिपोर्ट तैयार की है. आप इनके भाव और आवक की रिपोर्ट को देखकर अपना व्यापर कर सकते है. जानकारों के मुताबिक गेहूं में अभी तेजी की कोई आशंका नहीं है.
मांग और बोली से भाव में फेरबदल हो सकती है. Aajkamandibhav किसी भी अनाज की 100 प्रतिशत गारंटी नहीं लेता है. अपना व्यापार खुद के जोखिम पर करें. हमारे शोशल मिडिया से जुड़े- फेसबुक पेज – मंडी भाव टुडे पर जाये मंडी भाव, अनाज मंडी भाव whatsapp Group को ज्वाइन करें – Join Now
गेहूं भाव में तेजी-मंदी
गेहूं बाजार भाव तेजी-मंदी: ज्यादा तेजी मंदा नहीं सरकार द्वारा टेंडर में गेहूं बेचकर महंगाई को रोक लिया है। टेंडर में बार-बार घटाकर _2100/2150 रुपए प्रति क्विंटल कर दी है, लेकिन ज्यादा घटने की भी गुंजाइश नहीं है, क्योंकि रोलर फ्लोर मिलों में माल का प्रेशर नहीं है, तथा गेहूं या आने में अभी 15-20 दिन से अधिक समय लगेगा।
सरकार द्वारा एक अप्रैल से सरकारी धर्म कांटे भी लगा दिए जाएंगे, क्योंकि केंद्रीय पूल का अधिक मात्रा में गेहूं बिक चुका है। गत वर्ष लक्ष्य से कम खरीद हो पाई थी, इसलिए सरकार भी पहले से सतर्क है। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, इसलिए सरकार ने सतर्कता दिखाते हुए सरकार ने सतर्कता दिखाते हुए विक्रय मूल्य को काफी नीचे कर दिया है, जिससे खुले बाजार में गेहूं 2400 रुपए रह गया है, अब इसमें तेजी नहीं आएगी।
मक्की बाजार भाव में तेजी-मंदी
मक्की – नये माल से पहले तेजी संभव मक्की का स्टाक किसी भी मंडी में ज्यादा नहीं है, अभी छोटे कारोबारी वर्तमान भाव पर घबराहट पूर्ण बिकवाली में आ गए हैं, जिससे बाजार उत्पादक मंडियों में दबा हुआ है।
अभी हरियाणा पंजाब पहुंच में बढिया मक्की 2435/2440 रुपए प्रति क्विंटल बिक रही है। एवरेज माल 2400 रुपए बोल रहे हैं। नई फसल अप्रैल के उत्तरार्ध में आएगी, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है।
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बाजरा बाजार भाव में कितनी तेजी आएगी?
बाजरा बाजार भाव तेजी-मंदी: और मंदे की गुंजाइश नहीं बाजरे में लोकल एवं चालानी मांग अनुकूल नहीं है, डिस्टलरी प्लांट वाले भी अभी माल कम खरीद रहे हैं। उधर उत्पादक मंडियों में स्टाक करने वाले अपना माल बिकवाल आ गए हैं, जिससे बाजार 50/60 रुपए प्रति क्विंटल घट जरूर गया है.
वर्तमान भाव पर अब घटने वाली बात नहीं है, क्योंकि किसानी माल की आवक पूरी तरह समाप्त हो गई है तथा अगले लंबे समय तक कोई नई फसल आने वाली नहीं है। गुजरात में भी बिजाई ज्यादा नहीं हुई है। उधर किसानों ने किराना जिंसों पर ज्यादा जोर दिया है, जिससे खेत खाली नहीं है। साठी फसल आने में अभी 5 महीने का समय बाकी है, मुख्य फसल आने में 9 महीने लग जाएंगे।
चावल भाव तेजी-मंदी भविष्य 2023
चावल बाजार भाव तेजी-मंदी: मोटे एवं बारीक में और नहीं घटेगा हम मानते हैं कि पिछले डेढ़ महीने से बाजार मोटे व बारीक चावल का बाजार दबा हुआ है, लेकिन राइस मिलों एवं मंडियों में धान तथा चावल का ज्यादा स्टाक नहीं होने से अधिक घटने की गुंजाइश नहीं है। बाजारों में रुपए की तंगी होने से बारीक चावल में ग्राहकी की कमी बनी हुई है।
वास्तविकता यह है कि निर्यातक भी खुलकर माल नहीं खरीद रहे हैं तथा पहले के गए हुए पोर्ट पर माल शिपमेंट के लिए बच गए हैं। डोमेस्टिक मार्केट में ग्राहकी कमजोर है। इधर मोटे चावल में भी पिछले महीने आई भारी तेजी के बाद बाजार एकदम ठहर गया है, क्योंकि सरकार द्वारा निरंतर पूरे भारत में मुफ्त वितरण किया जा रहा है । बर्दवान लाइन में चावल में काफी गिरावट आ चुकी है।
मसूर भाव में तेजी-मंदी 2023
मसूर के दाम में पिछले कुछ माह से लगातार कमजोरी दर्ज की जा रही है। दरअसल इस वर्ष मसूर की जोरदार बोआई को देखते हुए घरेली मांग पर काफी दबाव था। इसबीच विदेशों में भी अच्छी फसल होने और लगातार आयात का दबाव बना रहा। हमारी जानकारी के अनुसार देश में इस वर्ष मसूर की बोआई 10% अधिक।
प्रारंभिक अनुमान के अनुसार मसूर का यील्ड इस वर्ष 1000-1200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर आसानी से आ सकता है। मंडियों में मसूर की आवक बढ़ रही है। और होली के बाद आवक का प्रेशर अच्छा देखने को मिल सकता है। मध्य प्रदेश में फिलहाल 20,000-25,000 बोरी मसूर की आवक हो रही है। किसान मंडियों में मसूर को 5000-5300 में बेच रहे हैं। जबकि MSP 6000 है। होली के बाद मध्य प्रदेश में किसानों से MSP भाव पर खरीदी शुरू होने की उम्मीद।
मसूर रोके या बेचे
इस वर्ष मसूर का बेहतरीन उत्पादन है और सरकारी खरीदी अच्छी होती है। तो दाम रुक सकते हैं मसूर के लिए एक अच्छी खबर यह है की तुवर दाल महंगा होने से मसूर की मांग इस वर्ष थोड़ी अच्छी रह सकती है। यदि आपको याद होगा तो लगभग 2-3 माह से मसूर में जरूरत भर की खरीदी की सलाह दे रहा है वह जारी रहेगा।
व्यापार अपने विवेक से करें
काबुली चना बाजार भाव में तेजी आएगी या मंदी
काबुली चना का घरेलू उत्पादन गत वर्ष से कुछ अधिक होने की उम्मीद। हालांकि भारत में देसी चना एवं काबुली चना के बिजाई क्षेत्र का आंकड़ा अलग-अलग जारी नहीं होता है बल्कि संयुक्त रूप से चना का क्षेत्रफल जारी होता है। लेकिन इसके बावजूद चालू वर्ष के दौरान काबुली चना का घरेलू उत्पादन गत वर्ष से बेहतर या कम से कम उसके बराबर रहने की उम्मीद की जा रही है।
इससे संकेत मिलता है कि भारत वर्ष 2023 में भी काबुली चना का एक आक्रामक निर्यातक देश बना रहेगा और मैक्सिको में नई फसल के आने तक भारत वैश्विक बाजार का रुख तय करने में सफल हो सकता है।
चना निर्यात
भारतीय निर्यात मुख्यत: पड़ोसी देशों, अफ्रीका के कुछ भागों तथा मध्य पूर्व एशिया के देशों पर अपना ध्यान केन्द्रित रखते हैं जबकि कनाडाई निर्यातकों की नजर अमरीका, पाकिस्तान तथा कुछ यूरोपीय देशों पर टिकी रहती है यद्यपि भारत काबुली चना के लिए वैश्विक बाजार पर भाव पर भारी असर डालने में सफल रहता है। मगर वह कनाडा का प्रत्यक्ष प्रतिद्वंदी नहीं बनता है।
सरसों बाजार भाव तेजी-मंदी जानकारी
सरसो बाजार भाव तेजी-मंदी: 20-27 फरवरी के बीच सलोनी सरसो 6450 से घटकर 5750 पर आ गया था। लेकिन पिछले 3 दिन में फिर से 350 रुपये बढ़ाया। सरसो की फसल के उत्पादन उम्मीद से कम होने की खरों से स्टॉकिस्ट और मीलों की खरीदारी बढ़ी। सरसो की आवक होली तक ज्यादा नहीं बढ़ेगी
इसलिए गिरावट पर लगाम लगी है। होली के बाद एक बार फिर बिकवाली बढ़ने से आखरी दौर की गिरावट आ सकती है। हालाँकि उस गिरावट में व्यापारी को खरीदारी शुरू करना चाहिए। सौजन में सरसो बॉटम लेवल से एक बार 400-500 रूपए की बढ़त जरूर दिखाएगी ऐसा जानकारों का मानना है।
सरसों भाव में तेजी कब आएगी?
सरसो बॉटम लेवल से एक बार 400-500 रूपए की बढ़त जरूर दिखाएगी ऐसा जानकारों का मानना है।
मसूर भाव में तेजी कब आएगी?
किसान मंडियों में मसूर को 5000-5300 में बेच रहे हैं। जबकि MSP 6000 है। होली के बाद मध्य प्रदेश में किसानों से MSP भाव पर खरीदी शुरू होने की उम्मीद।