दिल्ली बाजार भाव टुडे 14-02-2023 | सरसों, सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पाम तेल के भाव में सुधार

दिल्ली बाजार भाव में आज शिकागो एक्सचेंज के लगभग 1.5 प्रतिशत मजबूती के साथ बंद होने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को खाद्य तेल तिलहन कीमतों में सुधार का रुख रहा। सरसों, सोयाबीन तेल तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के भाव पर्याप्त सुधार के साथ बंद हुए।

अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो सरसों, सोयाबीन, बिनौला जैसे देशी तेल-तिलहनों की खपत नामुमकिन है। इसके अलावा सूरजमुखी की आगे होने वाली बुवाई पर भी असर पड़ेगा। देशी तेल तिलहनों की खपत न हो पाने की चिंता को देखते हुए तेल संगठनों ने भी सस्ते आयातित तेलों पर आयात शुल्क लगाये जाने की मांग की है। सोमवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे।

दिल्ली बाजार भाव टुडे 14-02-2023

सरसों तिलहन – 5,905-5,955 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।
तेल दादरी- 12,250 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,970-2,000 रुपये प्रति टिन।

मूंगफली – 6,475-6,535 रुपये प्रति क्विंटल।
तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,450 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,420-2,685 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,930-2,055 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,460 रुपये प्रति क्विंटल।
मिल डिलिवरी इंदौर- 12,150 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,650 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,700 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,850 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,400 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 9,450 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 5,470-5,600 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 5,210-5,230 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

दिल्ली बाजार भाव तेजी-मंदी

सामान्य कारोबार के बीच भाव ऊंचा होने की वजह से मूंगफली तेल तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे। बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार देर रात शिकागो एक्सचेंज में लगभग 1.5 प्रतिशत की मजबूती रहने का असर आज के स्थानीय कारोबार पर देखने को मिला। मूंगफली तेल तिलहन छोड़कर बाकी तेल तिलहनों के भाव मजबूत हो गये।

सूत्रों ने कहा कि सस्ते आयातित तेलों, विशेषकर घरेलू तेल तिलहन उद्योग पर सबसे अधिक प्रभावित करने वाले सूरजमुखी और सोयाबीन जैसे हल्के (सॉफ्ट) तेलों के भाव इस कदर नीचे गिरे हैं कि थोड़ी सी भी बढ़त मजबूती ही नजर आती है। लेकिन अब भी इनकी कीमतें देशी तेल तिलहनों के मुकाबले बेहद कम हैं।

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