चना भाव साप्ताहिक रिपोर्ट: पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली राजस्थान लाइन नया 5125 रुपये पर खुला था और शनिवार शाम ओल्ड चना 5100 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान चना चना दाल बेसन में मांग कमजोर बनी रहने से चना भाव में -25 रूपये कुन्टल की गिरावट दर्ज हुआ, शुक्रवार चना बाजार सप्ताह के दौरान रहा कमजोर, लेकिन और शनिवार को ताजा खरीदी। से अच्छा सुधार देखा गया।
चना भाव साप्ताहिक रिपोर्ट
दिल्ली चना गुरुवार (21 अप्रैल) को 4950 तक गिर गया था लेकिन वहां से 150 सुधरकर 5100 के भाव पर शनिवार को बंद हुआ। चना में सुधार के दो कारण रहे निचे भाव में स्टॉकिस्ट और मिलर्स की खरीदी। मंडियों में सुस्त आवक।
दिल्ली चना 18 मार्च को 5400 था लेकिन नाफेड द्वारा बम्पर खरीदी और मटर आयात खुलने के अफवाह से 450 रुपये या 8.3% घटकर 4950 का निचे स्तर बनाया। नाफेड दवारा बंपर 12.69 लाख टन खरीदी हो चुकी है। और इसका कारण मंडियों एमएसपी निचे के भाव है।
अब आगे क्या?
राजस्थान, एमपी और दक्षिण भारत की मंडियों में चना की आवक कमजोर। राजस्थान और गुजरात में 35-40% एमपी 30-35% चना की फसल कमजोर होने का अनुमान। कनौटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश का अधिकतर चना बिक गया या नाफेड के पास गया। एमपी में भी तेजी से नाफेड के पास चना जा रहा और मंडियों में आवक कम है। अगले एक माह में लगभग सभी मंडियों में चना की आवक सुख जाएगी।
चना भाव का भविष्य नाफेड
चना का भविष्य नाफेड के हाथ में। नाफेड पिछले कुछ वर्षों से चना का सबसे बड़ा स्टॉकिस्ट बना हुआ है। इस साल भी कुछ ऐसा ही है और अब तक बँपर खरीदी कर चुका है। मॅडियों में आवक जब कम होगी तो नाफेड के बिक्री टेंडर पर मांग निकलेगी। दिल्ली चना जून-जुलाई तक 5500+ तक जा सकता है वर्तमान भाव में चना में जोखिम कम इसलिए जरुरतनुसार खरीदी की सलाह। चना में बड़ी तेजी में नहीं रहना चाहिए क्योंकि चना की तेजी रोकने के लिए सरकार के पास कई विकल्प है।
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