अब राजस्थान सरकार लंपी वायरस मुआवजे के लिए जल्द ही राहत देने जा रही है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 5 वा और अंतिम बजट 2023 में इसकी घोषणा की है. बीते 2 सालो में करीबन 47 हजार गोवंश इसकी चपेट में आये थे. इंसानों में करोना और पशुओ में लंपी वायरस किसी काल से कम नहीं था.
चलिए देखते है लंपी वायरस के लिए किन पशुपालको को और कितना और कैसे लाभ मिलेगा-
लंपी वायरस क्या है
लंपी वायरस पशुओ में फैलने वाली एक बीमारी है जिसमे प्रभावित पशु के शरीर पर मवाद की गांठे पड़ जाती है, प्रभावित पशु का चलना फिरना दूभर हो जाता है. समय पर उचित इलाज ना मिलने से मौत तक हो जाती है. लंपी वायरस रोग से सबसे ज्यादा गाय प्रभावित होती है इसके बाद हिरण, नीलगाय, भेड़-बकरी और भैसों में यह काफी प्रभाव डालता है.
राजस्थान में लंपी वायरस कहर
लंपी वायरस बीमारी ने वैसे तो पुरे भारतभर में पशुओ को प्रभावित किया है, लेकिन राजस्थान में इसका आंकड़ा सबसे अधिक देखा गया. पश्चिमी राजस्थान में लंपी वायरस की बहुत भयावह स्थिति निकलकर सामने आई. राजस्थान में करीबन 12 लाख गोवंश लंपी वायरस की चपेट में आया जिनमे करीब 47 हजार गायो की मौत हो गयी.
हालाँकि किसी भी राज्य की सरकार ने इसके प्रति ठोस कदम नही उठाया लोग देशी इलाज से अपने पशुओ को बचाते रहे. लास्ट में सरकार ने टीकाकरण अभियान चलाया और धीरे धीरे इस महामारी का विकराल रूप कम हुआ और पशुपालको की खुशिया लोटी.
राजस्थान राज्य के पश्चिमी जिलो में लंपी वायरस का सबसे अधिक प्रकोप देखने को मिला था, जिसमें नागौर, जैसलमेर, पाली, धौलपुर, बीकानेर, जोधपुर, और बाड़मेर जिले शामिल थे. पश्चिमी राजस्थान में 17 हजार से ज्यादा गौवंश इसकी चपेट में आए थे.
राजस्थान में लंपी वायरस मुआवजा
10 फरवरी शुक्रवार को राजस्थान मुख्मंत्री गहलोत ने बजट 2023 में पशुपालको को बड़ी राहत देते हुए 40000 रूपये लंपी वायरस मुआवजा की घोषणा की है. मुआवजा उन पशुपालको को मिलेगा जिनके दुधारू पशु की लंपी वायरस बीमारी से अकाल मौत हो गयी.
लंपी वायरस मुआवजा के लिए प्रक्रिया
लंपी वायरस मुआवजा लेने के लिए पशुपालक को अपने नजदीकी सरकारी पशुचिकित्सल्य में जाकर सम्बन्धित पशुचिकित्सक को अपने मृत पशु का फोटो, दवाई पर्ची, पशु टैग जमा कराना होगा. पशुचिकित्सक आपके मृत पशु की पुष्टि करके इसे सम्बन्धित विभाग में भेज देंगे और आपको मुआवजा राशी आपके बैंक खाते में डाल दी जाएगी.
आवश्यक कागजात
- पशुपालक का आधार कार्ड
- बैक पासबुक
- मृत दुधारू पशु का फोटो
- टैग नम्बर
- दवाई का बिल
अंतिम विचार
लंपी वायरस बीमारी की रोकथाम के लिए पशुपालकों को अपने समस्त पशुओं का विशेष ध्यान देना चाहिए. पशुओ को दूषित पानी पीने से बचाए रोर अच्छी क्वालिटी का चारा खिलाये, ताकि इस पर 100 प्रतिशत काबू पाया जा सके. समय समय पर मक्खी, मच्छर, जूं और ततैया के लिए दवाईयों का छिडकाव करते रहे.