नमस्कार किसान साथियों, आज हम आपको मंडी भाव भविष्य 20-25 फरवरी की पोस्ट के माध्यम से तुवर, चना, सरसों, सोयाबीन, मसूर, मुंग, और उड़द भाव में पिछले सप्ताह के मुकाबले भाव की तेजी-मंदी और अन्य आधार पर भाव की जानकारी साझा करेंगे. मांग और बोली के चलते भाव में बदलाव आते रहते है इसलिए अनाज का व्यापार खुद के जोखिम पर करें.
हमारे द्वारा प्रदान प्रदान किये जाने वाले आंकड़े फसल भाव एक्सपर्ट से जुटाए जाते है. भाव में तेजी-मंदी की गणना आने वाले विदेशी आयात निर्यात और वार त्यौहार के आधार पर की जाती है. चलिए देखते है फसल भाव भविष्य की रिपोर्ट
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तुवर भाव भविष्य
तुवर बाजार अब काफी कुछ आवक और सरकारी निति पर निर्भर तुवर की आवक अब धीरे धीरे कमजोरी पड़ती जाएगी और मार्च अंत तक मंडी में तुवर कम मिलेगी तुवर दाल के लिए वर्तमान भाव में धीमा पड़ने की संभावना है। तुवर में वर्तमान भाव में कॅरेक्शन 200-400 की संभावना बन सकती है.
हालांकि कमजोर उत्पादन के कारण आगे तुवर 8500-9000 के स्तर बनाने की प्रबल संभावना। सरकार के पास तुवर उत्पादन की जानकारी में बड़ा झोल है। यदि सरकारी दखलंदाजी होती तो किसानों और व्यापारियों पर बड़ा असर। सरकार को समझना होगा की उत्पादन कम है और भाव पर नियंत्रण रखने के लिए हमे उत्पादन बढ़ाने की जरुरत तुवर इस साल सस्ता नहीं मिलेगा इसमें कोई शंक नहीं क्योंकि उत्पादन ही काफी कमजोर है।
जबरदस्त तेजी के बाद बाजार में हलकी मुनाफावसूली भी दर्ज की गई (IIPGA सेमिनार की विशेष बातें उपभोक्ता मंत्रालय के सेक्रेटरी रोहित कुमार सिंह की दाल आयातकों को फ्रैडली वार्निंग सरकार द्वारा आयातकों को तुवर स्टॉक बाजार में बेचने की सलाह)
चना भाव भविष्य
कृषि बाजार भाव में हमारा मानना की मार्च के पहले सप्ताह में नाफेड की बिक्री बंद होगी। देसी चना में घरेलू और निर्यात की अच्छी मांग है। जानकारी के अनुसार बांग्लादेश के के लिए हाल फिलहाल में काफी अच्छी मात्रा में चना व्यापार हुआ है।
महाराष्ट्र में कुछ जिलों में चना यील्ड पिछले साल से कमजोर होने के समाचार है यदि महाराष्ट्र में चना उत्पादन कम बैठा तो चना का भविष्य निश्चित तेज रहने की उम्मीद। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में 20-25% चना उत्पादन कम रहने की समाचार प्राप्त हो रहा नाफेड के पास अब 14-15 लाख टन चना ही शेष है। कृषि बाजार भाव में हमारा मानना की नाफेड 3-4 लाख टन बेचकर फरवरी अंत तक बिक्री टैंडर बंद कर सकता है। मंडी में चना यदि 4400-4600 की रेंज में मिले तो खरीदी में जोखिम कम।
सरसों भाव भविष्य
आने वाले सप्ताह में सरसो की अवाक में और बढ़ोतरी की उम्म्मीद है। हालाँकि जानकारों का मानना है की जो गिरावट आवक बढ़ने पर आनी चाहिए थी वो समय से पहले आ चुकी हैI ऐसे में अगले एक महीने तक सरसो के भाव में बड़ी गिरावट की गुंजाइश कम आवक बढ़ने के दबाव में बड़ी तेजी भी अभी नहीं दिखती।
सरसो तेल के भाव भी इस सप्ताह घट बढ़ के बाद स्थिर बंद हुए। सरकारी खरीद मार्च में शुरू हुई तो आगे चलके सरसो के भाव में सुधार होने की पूरी सम्भावना है। उत्पादन में बढ़ोतरी के चलते सरकारी खरीद नहीं। इस सीज़न भी बड़ी तेजी देखना मुश्किल जयपुर सरसो के चार्ट के अनुसार भाव अब सपोर्ट के करीब हैं जहाँ से रिकवरी आने की उम्मीद बनी हुई है। करीब व्यापारी सरसो में सपोर्ट के सुनियोजित तरीके से खरीदारी शुरू कर सकते हैं।
सोयाबीन भाव भविष्य
अंतराष्ट्रीय बाजार में अभी ब्राज़ील की फसल पर फोकस है। जहाँ सोयाबीन के उत्पादन में इस वर्ष बढ़ोतरी का अनुमान है। जैसे ही अप्रैल महीने में अर्जेंटीना की कटाई शुरू होगी सोयाबीन में बढ़त की सम्भावना। अर्जेंटीना में सोयाबीन उत्पादन घटने से आगे सोया तेल और सोयमील की सप्लाई टाइट होने की सम्भावना।
बाज़ारों में कम उपलब्धता होने के वजह से भारत का सोयमील निर्यात मजबूत रहेगी विदेशी प्रतिस्पर्धी फरवरी-मार्च महीने में भारत का सोयमील निर्यात 5 लाख टन होने का अनुमान। बाजार भाव के जानकारों का मानना है की यदि विदेशी बाजार में सोयमील के भाव ऊँचे बने रहे तो भारत का सोयमील निर्यात इस वर्ष 15-20 लाख टन तक पहुंच सकता है घरेलू बाजार में सोयाबीन की कीमतों में अधिक गिरावट की गुंजाइश कम है। सोयामील की मजबूत निर्यात मांग से सोयाबीन के भाव आगे चलके ऊपर में 6000 के स्तर आजमा सकते हैं।
सोयाबीन तेल भाव भविष्य
हालाँकि व्यापारी बहोत ज्यादा स्टॉक नहीं कर रहे हैं क्यूंकि तेजी टिकाऊ नहीं दिख रही है। सोया तेल में इन स्तरों से कुछ करेक्शन आ सकता है लेकिन बड़ी मंदी खत्म हो चुकी है। 3-4 रुपये/किलो की गिरावट आने पर नयी खरीदारी कर सकते हैं। कांडला सोया तेल में बाजार भाव में 1135 से 1170 का दायरा दिया है जिसमे कारोबार होते नजर आएगा। इसी दायरे के अनुसार व्यापारी निचे आने पर खरीदारी करें और ऊपरी स्तरों के करीफ मुनफावसूली।
भाव भविष्य मसूर 20-25 फरवरी
देशी मसूर का कैरी ओवर स्टॉक बहुत अधिक नहीं 1-1.5 लाख टन का अनुमान। विभिन्न पोर्ट पर भी आयातित मसूर का बहुत बड़ा स्टॉक नहीं, लेकिन पर्याप्त है। नई फसल शुरू होने पर मसूर के दाम में कुछ कमजोरी रह सकती है। मसूर की बोआई अधिक है। और उत्पादन पिछले वर्ष से बेहतर रहने की उम्मीद। विदेशों में भी मसूर उत्पादन अच्छा है। इसलिए मसूर की सप्लाई को लेकर चिंता नहीं। मसूर का भविष्य अभी अनिश्चित है। इसलिए जरुरत अनुसार ही कारोबार करने की सलाह।
मुंग भाव भविष्य 20-25 फरवरी
मूंग का पुराना स्टॉक मार्किट में काफी कम है। और रबी से पूर्ति होनी मुश्किल। सरकार फिलहाल मूंग आयात खोलने के पक्ष में नहीं है। क्योंकि सरकार के पास पर्याप्त स्टॉक कुछ दिन पहले सरकारी अधिकारी ने भी बयान में कहा था की सरकार बफर स्टॉक में से मूंग बेचेगी मूंग का फंडामेंटल मजबूत है। और गिरावट की संभावना कम मूंग में यदि गिरावट आती है तो खरीदी कर चल सकते हैं आगे मांग धीरे धीरे बढ़ेंगी। दिल्ली मूंग जब तक 8000 के निचे नहीं जाता मजबूती का रुख ऊपर में लक्ष्य 8800-9000 (सरकार यदि मूंग आयात नहीं खोले तब)
उडद भाव भविष्य 20-25 फरवरी
उड़द सप्लाई-डिमांड रहेगा टाइट। देश में आज की तारीख में 1.5-2 लाख टन उड़द देशी इम्पोर्टेड का स्टॉक रबी उड़द उतपादन 6-7 लाख टन रहने का अनुमान। बर्मा में 6.5-7 लाख टन उड़द उत्पादन अनुमान। भारत की मांग की पूर्ति के लिए प्रति माह 1 लाख टन उड़द आयात होना चाहिए बाजार भाव में हमारा मानना है की टाइट सप्लाई को देखते हुए जून-अगस्त के बीच में चेन्नई उड़द ऊपर में 8000/8500 की रेंज भी बिक सकता है। वर्तमान भाव में उड़द में बड़ी गिरावट की संभावना कम। लॉन्ग टर्म के लिए गिरावट पर खरीदी करना बेहतर। शार्ट टर्म ट्रेडर्स जरुरत अनुसार गिरावट पर खरीदी निश्चिंत मन से कर सकते।
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