मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अगले कुछ घंटो में बारां, झालावाड़, राजसमंद, अलवर, धौलपुर, करौली, दौसा, सिरोही, भरतपुर,और उदयपुर में मुसलाधार बारिश होने की संभवाना जताई है. प्रदेश के कुछ जिलों में मानसून फिर से सक्रिय हो गया है, बारिश का सिलसिला प्रदेश के जिलों में दिखाई दे रहा है. 15 सितम्बर तक कोटा, भरतपुर, उदयपुर सम्भ्वाग में कुछ जगहों पर बारिश देखने को मिल सकती है.
— Mausam Kendra Jaipur (@IMDJaipur) September 10, 2023
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वहीं पाली शहर में शनिवार को दिन में धूप खिली रही। शाम को आसमान में बादल छा गए और हवाएं चलीं और शहर में बूंदाबांदी हुई। इससे उत्साह बढ़ गया. मध्य प्रदेश पर पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। मानसून ट्रफ दक्षिण की ओर स्थानांतरित हो गया। रविवार को प्रदेश के भरतपुर, कोटा, उदयपुर और जयपुर संभाग के कुछ हिस्सों में मेघगर्जन के साथ बारिश की संभावना है. 11-12 सितंबर को इन संभागों में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है. अगले दो दिनों में पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर और जोधपुर संभाग में छिटपुट हल्की बारिश हो सकती है. मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के अधिकांश हिस्सों में मौसम शुष्क रहेगा और दो दिनों के दौरान पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में अधिकतम तापमान 42-43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किये जाने की प्रबल संभावना है.
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धौलपुर शहर में शनिवार सुबह शुरू हुई बूंदाबांदी शाम को तेज बारिश में बदल गई. शाम करीब सात बजे शहर में हवा के साथ तेज बारिश हुई, जिससे शहर में कई जगहों पर जलभराव होने से वाहन चालक और पैदल चलने वाले लोग परेशानी में दिखे. वहीं, बारिश के कारण तापमान में भी गिरावट आई और धौलपुर का अधिकतम तापमान 29 डिग्री दर्ज किया गया. जबकि तीन दिन पहले अधिकतम तापमान 32 डिग्री से ऊपर था। जिला नियंत्रण कक्ष के अनुसार दोपहर तक शहर में 8 मिमी बारिश रिकार्ड की गयी. जिले में सबसे अधिक बारिश राजाखेड़ा में 52 मिमी दर्ज की गई। वहीं, बारिश से सभी जगह मौसम सुहावना हो गया. जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली। बारिश ने नगर परिषद की सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी. नालियों में गाद जमा होने से नालियों का पानी सड़कों पर बह रहा है। इससे पहले सुबह से ही बूंदाबांदी होती रही। बूंदाबांदी के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल सके। तमाम कॉलोनियों की सड़कें पानी से भर गईं। इस बार नगर परिषद ने शहरवासियों को नालों की सफाई के लिए 58 लाख रुपये का ठेका दिया था. जिससे शहर के नालों की सफाई होनी थी. आधे घंटे की तेज बारिश ने सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी।