सरसों और चना में तेजी-मंदी की पूरी रिपोर्ट लेकर हाजिर हुए है, ताकि आपको इसके बारे में पूरी रिपोर्ट का आंकलन पता चले, तेजी-मंदी की रिपोर्ट मांग और आवक के आधार पर तय की गयी है. भाव में उतार-चढ़ाव बने रहते है, मंडी के व्यापारी विदेशी मांग और फसल की क्वालिटी के आधार पर इनकी रिपोर्ट बनाते है.
सरसों में तेजी-मंदी
सप्ताहिक रिपोर्ट: पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार जयपुर सरसों 5625/50 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 5550 रुपये पर बंद हुआ पिछले सप्ताह के दौरान आवक के बीच ओर मांग कमजोर रहने से -100 रूपए कुंटल की गिरावट दर्ज हुआ, मोपा सेमिनार हाइलाइट्स MOPA और COOIT द्वारा आयोजित 43 रबी सेमिनार में व्यपार जगत के लोगों ने अपनी राय राखी व्यापार जगत के सरसो उत्पादन अनुमान में काफी अंतर रहा।
उत्पादन अनुमान
सरसो उत्पादन 90 से लेकर 125 लाख टन के बीच रहने का व्यापार जगत के अलग अलग व्यापारियों की राय MOPA ने अपने सर्वे के बाद उत्पादन 113 लाख टन और कैर्री फॉरवर्ड 6 लाख टन रहने का अनुमान जताया है। साथ में यह की कहा है की सर्वे के बाद मौसम में काफी उतार चढ़ाव हुआ जिसका असर उत्पादन पर पड़ने की सम्भावना। जिसको ध्यान में रखकर आगे चलके उत्पादन अनुमान में संशोधन किया जा सकता है।
सरसो की आवक
मार्केट आउटलुक बीते सप्ताह होली के चलते सरसो की आवक में गिरावट दर्ज की गयी। कमजोर आवक के बावजूद भी सरसो की कीमतों में गिरावट जारी रही। मीलों की कमजोर मांग के बीच विदेशी बाजारों में गिरावट ने सरसो पर दबाव डाला। कमजोर मांग को देखते हुए मीलों ने भाव 50-150 की घटाए।
विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों में गिरावट और मंडियों में सरसो की बढ़ती आवक से सरसो तेल में भी 2-3 रुपये/किलो की गिरावट दर्ज की गयी। सरसो की गिरती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए व्यापर जगत ने सरकार से जल से जल्द खरीदारी शुरू करने की गुजारिश की साथ ही आयातित तेलों के इम्पोर्ट ड्यूटी को भी बढ़ने का निवेदन किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार अप्रैल के शुरुआत में खरीदारी शुरू कर सकती है।
सरसों भाव में तेजी कब आएगी?
फ़िलहाल तेजी मंदी को लेकर कोई भी जानकर स्पष्ट नहीं बात कर रहे हैं। लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है की सीज़न की शुरुआत में आयी गिरावट के बाद सरसो में 500-600 की तेजी कभी भी आ सकती है। सोयाबीन में भी इस सीज़न कुछ ऐसा ही हुआ था और उत्पादन में बढ़ोतरी की बावजूद सोयाबीन के भाव एक बार 1000 रूपए तक बढ़ गए थे।
जयपुर सरसो के चार्ट पर 5380 का सपोर्ट है। जहाँ से रिस्क कम हो जाएगा और जो व्यापारी खरीदारी शुरू कर सकते हैं। कुल मिलकर सरसो में अभी रिस्क है। लेकिन मौजूदा भाव से जो गिरावट आये उसमे थोड़ी थोड़ी खरीदारी शुरू करनी चाहिए।
सरसों खल में तेजी-मंदी
सरसों खल: तेजी नहीं पशु आहार वालों की मांग कमजोर होने तथा आपूर्ति बढ़ने से सरसों खल के भाव 50 घटकर 2300/2500 रुपए प्रति कुंतल रह गए। उठाव होने से उत्तर प्रदेश के मंडी में सरसों खल की कीमतों में नरमी का रुख रहा।
हाल ही में सरसों के भाव ऊपर वाले से 100 रुपए प्रति क्विंटल घट जाए। आने वाले दिनों में आपूर्ति बढ़ने की संभावना को देखते हुए इसमें तेजी की उम्मीद नहीं है बाजार और घट सकता।
चना भाव में तेजी-मंदी
सप्ताहिक रिपोर्ट: पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली राजस्थान लाइन 5225/50 रुपये पर खुला था और शनिवार शाम 5200/25 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान उतार-चढ़ाव के बीच चना दाल बेसन में मांग सिमित रहने से भाव -25 रूपये कुन्टल की गिरावट दर्ज हुआ,दर असल उत्तर भारत में चना की सप्लाई कमजोर रहने से मजबूती फिलहाल चना की आवक महाराष्ट्र में अच्छी है।
चना की आवक
मार्च अंत तक मध्य प्रदेश में आवक बढ़ेगी। राजस्थान में मार्च अंत अप्रैल में चना की आवक बढ़ने की उम्मीद। गुजरात में कमजोर बोआई के कारण आवक सामान्य है। नाफेड दवारा चना की बिक्री अब सिर्फ मध्य प्रदेश में हो रही है। अन्य राज्यों में नाफेड द्वारा चना बिक्री बंद है। नाफेड द्वारा कर्नाटक में चना खरीदी शुरू है। महाराष्ट्र में 14-15 मार्च से खरीदी शुरू हो सकती है।
चना भाव भविष्य
नाफेड को कितना चना मिलता है। यह तय करेगा चना भविष्य नाफेड के पास 13-14 लाख टन चना स्टॉक मौजूद है। आने वाले समय में चना की। आवक एक बार बढ़ेगी खासकर। महाराष्ट्र में यदि नाफेड को इस सीजन 5 लाख टन से कम चना मिला तो ही अच्छी तेजी की उम्मीद कर सकते हैं। यदि नाफेड को 10 लाख टन से अधिक चना मिला तो दिल्ली चना ऊपर में 5500-5600 का रेंज। वर्तमान भाव में चना खरीदी में जोखिम नहीं इसलिए चना में निवेश किया जा सकता है।
सरसों और चना में तेजी-मंदी: अंतिम विचार
उपर दी गयी रिपोर्ट से आपको अंदाजा हो गया होगा की विशी बाजार और देश की स्थानीय मंडियो में भाव और आवक की क्या रिपोर्ट है. क्रप्या अपना चना और सरसों का व्यापार खुद के जोखिम पर करें. भाव भविष्य की पूर्ण जिम्मेदारी हमारी वेबसाइट नहीं लेती है. आंकड़े अनुमान के आधार पर तय किये जाते है.