नवरात्रि का दूसरा दिन 2023| दूसरा दिन की पूजा, स्तुति मंत्र और आरती

नवरात्रि का दूसरा दिन की पूजा: कल से यानि 2023 भारतीय हिन्दू धर्म में नवरात्रि का त्यौहार सुरु हो गया है! आज नवरात्रि का दुसरा दिन है दुसरे दिन माँ का स्वरूप ब्रह्मचारिणी का होता है! ब्रह्मचारिणी का अर्थ तपस्या कहलाता है! हिन्दू नववर्ष चेत्र में नवरात्रि शुरू हो गया हैं और आज नवरात्रि त्यौहार का दूसरा दिन है। नवरात्रि शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसका हिंदी अर्थ होता है -नौ रातें। इन नौ रातों और दस दिन में माँ शक्ति देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है! माँ दुर्गा की नव शक्तियों का दूसरा स्वरुप देवी ब्रह्मचारिणी हैं। आज नवरात्रि का दुसरा दिन है दुसरे दिन माँ का स्वरूप ब्रह्मचारिणी का होता है! ब्रह्मचारिणी का अर्थ तपस्या कहलाता है! कहा भी हैं-वेदस्तत्वं तपो ब्रह्म-वेद, तत्व और तप ब्रह्म शब्द के अर्थ हैं। ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यंत भव्य हैं। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएं हाथ में कमंडल रहता हैं।

नवरात्रि का दूसरा दिन
नवरात्रि का दूसरा दिन

दूसरा दिन के पूजा लाभ

देवी ब्रह्मचारिणी की आराधना से अनंत फल की प्राप्ति एवं तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम जैसे गुणों में वृद्धि होती हैं। जीवन के कठिन संघर्षों में भी व्यक्ति अपने कर्तव्य से विचलित नहीं होता। मॉ ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से उसे सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती हैं। लालसाओं से मुक्ति के लिए माँ ब्रह्मचारिणी का ध्यान लगाना सबसे अच्छा होता हैं।

स्तुति मंत्र

  1. या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता,
    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
  2. दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू,
    देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

नवरात्रि के दूसरे दिन की आरती

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।

जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो ​तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।

नवरात्रि क्यों मनाई जाती है

नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो समूचे भारत में मनाया जाता है। यह त्योहार दो शब्दों से मिलकर बना है – “नव” जो नौ का अर्थ होता है और “रात्रि” जो रात का अर्थ होता है। यह त्योहार नौ दिनों तक चलता है और इस अवधि में नौ देवियों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य नवदुर्गाओं की पूजा करना है जो शक्ति की नौ रूप हैं। इन नौ रूपों को नवदुर्गा कहा जाता है और ये हैं – शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री।

नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं 2023

नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं 2023

वो नव दीप जले वो नव पुष्प खिले
नित दिन माँ का आशीष मिले
इस नवरात्र आपको हर ख़ुशी मिले
मन की भगती का एक दिया जीवन में जले!!

नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं पोस्टर

नवरात्रि की शुभकामनाएं

नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं संदेश

हे माँ तुमसे विश्वास ना उठने देंना,
बन के रोशनी टुम रह दिखा देना
और बिगड़े काम बना देना
हेप्पी चेत्र नवरात्रि

नव दीप जले, नव फुल खिले, नित नई बाहर मिले
नवरात्रि के इस पावन अवसर पर,
आपको माँ दूर का आशीर्वाद मिले
जय माता दी

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नवरात्रि की शुभकामनाएं 2023
नवरात्रि की शुभकामनाएं 2023

नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं संदेश

जिन्दगी की हर तमन्ना हो पूरी
आपकी कोई आरजू रहे न अधूरी
करते है हाथ जोड़कर माँ दुर्गा की विनंती आपको हर मनोकामना हो पुरी!!


आप और आपके परिवार को चेत्र नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाये

नवरात्रि शायरी स्टेट्स

सारा जहाँ है जिसकी शरण में,
नमन है उस माँ के चरण में!
हम है उस माँ के चरणों की धुल
आओ मिलकर माँ को चढ़ाये श्रदा के फुल!!

चाँद की चादनी, बसंत की बहार,
फूलो की खुशबु, अपनो का प्यार!
मुबारक हो आपको नवरात्रि का त्यौहार,
सदा खुश रहे आप और आपका परिवार!!

नवरात्रि फोटो डाउनलोड hd

नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं hd
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं hd

माँ की आराधना का ए पर्व है
मन के नो रूपों की भगती का पर्व है
बिगड़े काम बानने का पर्व है
भगती का दिया दिल में जलाने का पर्व है

मां लक्ष्मी का सिर पर हाथ हो,
मां सरस्वती का हरदम साथ हो!
गणेश जी का घर में निवास हो,
और मां दुर्गा के आशीर्वाद से
आप सभी के जीवन में प्रकाश ही प्रकाश हो!!

नवरात्रि के 9 दिन किस रंग के कपड़े पहने

नवरात्रि के दौरान प्रत्येक दिन कोई विशेष रंग होता है जिसे भगवान या देवी के श्रद्धालु भक्तों द्वारा पूजा जाता है। निम्नलिखित हैं नवरात्रि के प्रत्येक दिन के रंग और उनसे जुड़े धर्मिक महत्व:

  1. पहला दिन (प्रथमा) – श्वेत वर्ण (शुभता और पवित्रता का प्रतीक)
  2. दूसरा दिन (द्वितीया) – पीले वर्ण (विविध भक्ति और उत्साह का प्रतीक)
  3. तीसरा दिन (तृतीया) – लाल वर्ण (तपस्या और सौम्यता का प्रतीक)
  4. चौथा दिन (चतुर्थी) – वर्ण का विविधता (गौरी और विष्णु का ध्यान करते हुए)
  5. पांचवा दिन (पंचमी) – नीला वर्ण (महाकाली का ध्यान करते हुए)
  6. छठवां दिन (षष्ठी) – पीले वर्ण (महालक्ष्मी का ध्यान करते हुए)
  7. सातवां दिन (सप्तमी) – कमल रंग (ब्रह्माण्ड की सृष्टि का प्रतीक)
  8. आठवां दिन (अष्टमी) – राधा-कृष्ण जैसे विविध रंगों के कपड़े (विविध देवी और देवताओं का ध्यान करते हुए)
  9. नवमी दिन (नवमी) – बैगनिया वर्ण (माता रानी को बैगनी रंग बेहद पसंद आता है)

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