राजस्थान के सभी किसान भाइयों को सूचित किया जाता है, हाल ही में राज्य सरकार ने विशेष गिरदावरी के आदेश जारी किये हैं। जिन किसानों की फसल भारी बारिश, ओलावृष्टि, शीत लहर आदि के कारण खराब हुई है, उन किसानों को विशेष गिरदावरी के तहत जल्द ही आर्थिक मुआवजा दिया जाता है। जो किसान ऐसा नहीं कराते वे अतिरिक्त बीमा से वंचित रह सकते हैं।
आइये जानते है क्या होती है विशेष गिरदावरी और किसान साथियों के लिए ये क्यों आवश्यक है-
विशेष गिरदावरी क्या होती है?
यदि फसल के बीच में कोई आपदा आती है, जैसे कि भारी वर्षा, ओलावृष्टि, शीत लहर (पाला पड़ना) आदि के कारण किसानों की फसल का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो राज्य सरकार आपदा विभाग किसानों को आर्थिक मुआवजा देता है। किसान। तथा मुआवजे के लिए किये जाने वाले सर्वे को “विशेष गिरदावरी” कहते हैं। हाल में ही राजस्थान सहित अन्य राज्यों में सरसों की फसल के साथ साथ आलू की फसल भी पाले की मार से बहुत प्रभावित हुई है.
ध्यान रखने योग्य बिंदु-
प्रत्येक पटवार हलके क्षेत्र के जागरूक किसान भाइयों को पटवार हलके क्षेत्र में अपने पटवारी को बुलाकर फसल का जायजा कराना होगा, और यदि 33 प्रतिशत से अधिक फसल खराब होती है तो गांव के किसानों की सूची तैयार की जाएगी जिसमें किसान ने अपने खेत में फसल बोई गयी फसल और किस सी फसल को बोया है। उनके नाम, खसरा नंबर सहित पूरा ब्योरा पटवारी बनाकर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय को सौंपा जाएगा।
फसल खराबे का मुआवजा
सभी किसान भाइयों जल्द से जल्द पटवारी पर दबाव बनाकर सर्वे करये और तत्काल प्रभाव से रिपोर्ट भिजवाई जाए जिससे 17000 से लेकर 35000 तक का मुआवजा किसानों को तत्काल प्रभाव से डीबीटी कर दिए जाएंगे। पटवारी गुमराह कर सकता है, क्योंकि पटवारी को दो-तीन दिन तक काम करना पड़ेगा और अगर कोई किसान वंचित रह जाता है तो पटवारी को सुननी पड़ती है इसलिए इस तरह के काम करने से आनाकानी करेंगे।
सभी किसान भाई पटवारी पर को बुलाकर जल्द से जल्द सर्वे कराएं और तत्काल प्रभाव से रिपोर्ट भिजवाएं, ताकि तत्काल प्रभाव से किसानों को 17000 से 35000 रूपये तक का मुआवजा डीबीटी के माध्यम से दिया जा सके. पटवारी आनाकानी कर सकता है, क्योंकि पटवारी को दो-तीन दिन काम करना पड़ेगा और अगर कोई किसान वंचित रह गया तो पटवारी को सुनना पड़ेगा, इसलिए वह ऐसा काम करने में झिझकेगा।
ध्यान रखें–
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का विशेष गिरदावरी और मुआवजे से कोई लेना देना नहीं है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एक अलग योजना है, और इसकी गिनती विशेष गिरदावरी से नहीं होती है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की गणना फसल कटाई के आधार पर तय की जाती है जो बाद में होगी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पाले से क्षतिग्रस्त फसलों के लिए दावा दायर नहीं किया जाता है। पाले से नुकसान का कोई प्रावधान नहीं है।
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