तेजी-मंदी सप्ताहिक रिपोर्ट में आज हम आपके लिए पिछले सोमवार से शनिवार तक सोयाबीन, सरसों, चना, मुंग, तुवर, काबुली चना, और उडद की तेजी मंदी रिपोर्ट लेकर आये है. किसान साथियों हम हमारे पोर्टल पर आपके लिए रोजाना मंडी भाव के बारे में बताते है. व्यापर उन्नत कृषि का एक हिस्सा है, फसल का उचित दाम प्राप्त करने के लिए हम देशभर की अलग-अलग मंडियो की ताजा भाव की जानकारी प्रदान करते है.
चलिए नजर डालते है तेजी-मंदी सप्ताहिक रिपोर्ट पर –
सोयाबीन तेजी-मंदी सप्ताहिक रिपोर्ट
सोयाबीन का अधिक स्टॉक, कमजोर मांग और तिलहन के भाव पर दबाव के कारण सोयाबीन में 150-200 से ज्यादा की तेजी की उम्मीद कम है। 5500 महाराष्ट्र कीर्ति प्लांट के चार्ट पर एक तत्काल समर्थन है। सोयाबीन में मौजूदा भाव पर 200-250 रुपये का रिस्क है। विशेषज्ञों के अनुसार, सोया तेल और मील से समर्थन मिलने पर सोयाबीन की कीमतें फिर से 6000/6100 के उच्च स्तर का परीक्षण कर सकती हैं और आने वाले 2-3 महीनों में रिकवरी की उम्मीद है।
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार महाराष्ट्र सोलापुर 5550 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 5520 रुपये पर बंद हुआ पिछले सप्ताह के दौरान प्लांट बालो की मांग कमजोर रहने से -20 रूपये कुन्टल गिरावट दर्ज हुआ,कमजोर सोयाबीन मांग और सिमित आवक के बीच के भाव बीते सप्ताह स्थिर से कमजोर रही। सरसो की फसल भी अब मंडियों में आने लगी है। जिससे स्टॉकिस्ट अभी सोयाबीन की खरीदारी करने के लिए रुक गए हैं। जब तक सरसो की आवक ऊपर में स्थिर नहीं हो जाती तब सोयाबीन भी सिमित दायरे में रहेगा।
सोया तेल साप्ताहिक रिपोर्ट
अगले महीने होली और रमजान जैसे त्योहारों की डिमांड निकलने से आने वाले महीनों में कुछ सुधार की सम्भावना। कांडला सोया तेल के भाव अगर 1165 के सपोर्ट को होल्ड करती हैं तो अस्थायी रिकवरी आ सकती है। और इसके निचे फिसलने पर गिरावट बढ़ सकती है।
शुक्रवार को सीबीओटी एक्सचेंज पर सोया तेल के भाव में 3.5 ₹/किलो की गिरावट आयी जिसके फलस्वरूप भारतीय बाजारों में कल सोया तेल के भाव 1.5 से 2.5 ₹/किलो तक टूटे जनवरी महीने में अधिक आयात होने के कारण सोया तेल का स्टॉक फ़िलहाल पर्याप्त है। वहीं लगातार गिरावट के चलते रिटेलर्स की मांग बेहद कमजोर बताई जा रही है। साल्वेंट प्लांटों ने कमजोर मांग को देखते हुए सोया तेल के भाव बीते सप्ताह 3-4 रूपए/किलो तक घटाए। हालाँकि कांडला पोर्ट पर सोया तेल के भाव सप्ताह अंत में 1170 पर स्थिर बंद हुआ था। कांडला पोर्ट सोया तेल के चार्ट पर 1165 का सपोर्ट दिख रहा है जहाँ से रिकवरी आयी और ऊपर में 1180 तक बढे थे।
सरसों तेजी-मंदी सप्ताहिक रिपोर्ट
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार जयपुर सरसों 6125 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 6050 रुपये पर बंद हुआ पिछले सप्ताह के दौरान सरसो मे मांग कमजोर रहने से -75 रूपए कुंटल की गिरावट दर्ज हुआ,सरसो स्टॉक रिपोर्ट एजेंसी के अनुसार जनवरी महीने में सरसो की आवक 4.5 लाख टन जनवरी महीने में 5 लाख टन सरसो की क्रशिंग हुई। अब तक कुल आवक 105 लाख टन और क्रशिंग 102 लाख टन। 1 फरवरी को किसान और प्रोसेसर्स/स्टॉकिस्ट के पास 3-2 लाख टन सरसो उपलब्ध कुल स्टॉक फरवरी की शुरुआत में 6 लाख टन बचा है। जयपुर में कच्ची घानी के भाव बीते सप्ताह 6.5₹ किलो गिरकर 1195 पर बंद हुआ
मार्केट आउटलक मंडियों में नयीं सरसो की आवक बढ़ने लगी है।अधिक मॉइस्चर वाले सरसो के भाव एमएसपी के निचे मिल रहे है। मॉइस्चर अधिक होने की वजह से तेल की क्वालिटी हलकी आ रही है। खाद्य तेलों के भाव में गिरावट के माहौल के बीच हलकी क्वालिटी सरसो तेल की मांग नहीं अभी सरसो की आवक उम्मीद के मुताबिक बढ़ने से समय लगेगा। व्यापारी सूत्रों के अनुसार होली के बाद सरसो में बिकवाली का दबाव बढ़ सकता है। मिलवाले प्रतीक्षा में है।
तुवर तेजी-मंदी सप्ताहिक रिपोर्ट
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार अकोला तुुवर नयी मारूति 7350 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 7375 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान तुवर ,तुवर दाल मे समान्य मांग रहने से +25 रूपये कुन्टल की मजबूत दर्ज हुआ,तुवर में खरीदी की सलाह दी थी जो सही रहा तुवर बाजार सोमवार से गुरुवार तक तेज रहा जबकि शुक्रवार और शनिवार को कुछ कमजोर तुवर की आवक मंडियों में सामान्य है।
स्टॉकिस्ट द्वारा ऊपर भाव में खरीदी कम है। और वह गिरावट पर खरीदी कर रहा। जानकारों का मानना है की तुवर में घटबढ़ के साथ धीरे धीरे तेजी आएगी म। इसलिए लम्बी अवधि के व्यापारी धीरे धीरे गिरावट पर खरीदी कर सकते हैं। अफ्रीका से अब तुवर की आवक का प्रेशर नहीं रहेगा। जबकि बर्मा की नई फसल शुरू है। देश में इस वर्ष तुवर उत्पादन कमजोर है। और बर्मा उसकी पूर्ति नहीं कर सकेगा। यदि इस सीजन हम 10 लाख टन तुवर आयात भी कर ले तो भी 5-7 लाख टन सप्लाई शार्ट रहने की उम्मीद। हां यदि दाम में अधिक वृद्धि होगी तो ऊपर भाव में मांग कमजोर पड़ने से खपत में कुछ गिरावट रह सकता है। जानकारों का मानना है की अकोला बिल्टी तुवर निचे में 7200-7300 और लंबी अवधि में 8500-9000 का लक्ष्य रहने की संभावना हो सकती है।
चना तेजी-मंदी सप्ताहिक रिपोर्ट
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली राजस्थान लाइन 5075 रुपये पर खुला था और शनिवार शाम 5100 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान चना दाल बेसन में सामन्य मांग रहने से भाव +25 रूपये कुन्टल मजबूत दर्ज हुआ,दिल्ली चना 2-3 माह से 200 की टाइट रेंज में व्यापार कर रहा है। मंडियों में पुरानी माल की सप्लाई टाइट है। जबकि मांग चना की सामान्य है। कर्नाटक में नए चना की आवक शुरू है और 4500/4700 की रेंज क्वालिटी अनुसार। महाराष्ट्र में भी नए चना की छिटपुट आवक शुरू लेकिन अभी माल हलके आ रहा हैं। महाराष्ट्र में नए चना की आवक आवक 15-20 दिन में बढ़ेगी।
महाराष्ट्र के चना उत्पादन को लेकर लोगो में एकमत नहीं। जहा एक तबका उत्पादन बढ़िया बता रहा वहीं कुछ लोगो का मानना है की उत्पादन कुछ कम रहेगा। मध्य प्रदेश,राजस्थान उत्तर प्रदेश,गुजरात में उत्पादन 10/15%कमजोर रहने की संभावना। नाफेड के पास अभी काफी चना है। और बाजार की दिशा उसी पर काफी कुछ निर्भर यदि इस सीजन भी नाफेड के हाथ में 15-20 लाख टन चना गया तो भविष्य अनिश्चित रहेगा। यदि महाराष्ट्र में चना उत्पादन कमजोर बैठा तो चना धीरे धीरे बढ़ने की उम्मीद मंडी में चना यदि 4400/4500 की रेंज में मिले तो खरीदी में जोखिम कम।
काबुली चना तेजी-मंदी सप्ताहिक रिपोर्ट
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार इंदौर 14200 रुपये पर खुला था और शनिवार शाम 13200 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान काबुली चना मे मांग कमजोर रहने से -1000 रूपये कुन्टल की गिरावट दर्ज हुआ, सप्ताह से काफी उथल पुथल मचा हुआ है। काबुली में सामने नई फसल को देखते हुए मंदी का ग्रुप है। जबकि कमजोर स्टॉक और नियत को देखते हुए एक ग्रुप तेजी में है। फिलहाल मंदड़ियों की लड़ाई के बीच फंसा हुआ काबुली में तेजड़ियों और है।
बाजार भाव जानकारों का मानना है की चूँकि पाइपलाइन खाली है और सामने होली-रमजान की घरेलु और निर्यात मांग निकलने के कारण मजबूती का रुख रह सकता है। नए काबुली के आवक का प्रेशर फरवरी अंत या मार्च से बनेगा जो बाजार में आगे तेजी को सिमित रख सकता है। हालांकि शार्ट टर्म में काबुली का ट्रेंड मजबूत जान पड़ता है। लेकिन सतर्कता के साथ कारोबार करने की जरुरत (42-44) जब तक बाजार भाव का मानना है की काबुली कंटेनर 12,600 के ऊपर रुख मजबूती का है यदि 12,600 का मजबूत सपोर्ट टूटता है तो गिरावट बढ़ने के आसार।
मसूर तेजी-मंदी सप्ताहिक रिपोर्ट
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार कटनी मसूर 6200 रुपये पर खुला था ओर शनिवार 6150 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दोरान मसूर व मसूर दाल मे कमजोर मांग रहने से -50 रूपये कुंटल की गिरावट दर्ज हुआ,देशी और इम्पोर्टेड मसूर के दाम में सप्ताह के दौरान 50-100 कमजोरी रही। देश में इस सीजन मसूर की बेहतर बोआई के कारण उत्पादन बढ़ने की संभावना है।
इस बीच विदेशों से भी लगातार मसूर आयात होने से भाव पर दबाव है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार 4 जहाज़ों में इस दौरान लगभग 1.5-2 लाख टन मसूर आने की उम्मीद ऑस्ट्रेलिया मसूर फिलहाल काफी सस्ते में मिल 670-675 डॉलर प्रति टन के बीच है जबकि कनाडा का ऊंचा भाव होने के कारण लेवाल कमजोर है। ऑस्ट्रेलिया कनाडा में बेहतरीन फसल, लगातार आयात और घरेलु उत्पादन बढ़ने की संभावना से मसूर में कमजोरी का अनुमान है। हमारा मानना है की कटनी मसूर नए मसूर में अभी 200-300 रुपये की कमजोरी आसानी से देखने को मिल सकता है।
मूँग तेजी-मंदी सप्ताहिक रिपोर्ट
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली बेस्ट मूंग राजस्थान लाईन 8100 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 8000 रूपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान मूंग मे उठा पटक के साथ भाव -100 रूपये कुन्टल की गिरवट दर्ज हुआ,ऊपर भाव में मुनाफावसूली के कारण मूंग के दाम में हलकी कमजोरी दर्ज की गई। देश में मूंग की सप्लाई इस सीजन मांग के मुकाबले कमजोर है। जिससे हाल फिलहॉल में अच्छी तेजी बनी
हालाँकि उपभोक्ता मंत्रालय का मानना है की सरकार के पास पर्याप्त बफर स्टॉक है। जिससे आगे तेजी को रोका जा सकता है। फिलहाल सरकार मूंग आयात खोले जाने के खिलाफ। हालांकि यदि जरुरत पड़ती है। तो इसपर पुनर्विचार किया जायेगा। सरकार बफर स्टॉक से मूंग की बिकवाली बढ़ा सकती है। जिससे मूंग की तेजी पर ब्रेक लग सकता है बाजार भाव का मानना है की मूंग का फंडामेंटल मजबूत है। लेकिन सरकार मूंग के दाम पर नजर रख रही है। दिल्ली मूंग जब तक 8000 के निचे नहीं जाता मजबूती का रुख ऊपर में लक्ष्य 9000/9200 (सरकार यदि मूंग आयात नहीं खोले तो)
उड़द तेजी-मंदी सप्ताहिक रिपोर्ट
पिछले सप्ताह सुरुवात सोमवार चेन्नई एसक्यू 7325 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम एसक्यू 7325 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान उडद मे सामन्य मांग रहने से भाव स्थिर दर्ज हुआ, उड़द बाजार फिलहाल औसत मांग के बीच बर्मा से सिमित आयात के कारण सामान्य रहा। बर्मा से अभी नया उड़द का आवक का प्रेशर मार्च 10-15 के बाद बनने की उम्मीद। इसबीच विभिन्न समाचार पत्रों के अनुसार तमिलनाडु में हाल की बारिश से उड़द की फसल को नुकसान हुआ है।
बाजार भाव के जानकारों का कहना की है बर्मा से नए उड़द के सौदे अभी कम हो रहे क्योंकि आयातकों को हाल में काफी नुकसान हुआ है। दरअसल देशी उड़द की आवक अब लगभग सभी मंडियों में सुख सी गई है। कुछ सप्ताह से देशी उड़द की कमजोर सप्लाई पर फोकस कर रहा था। देश में सबसे बड़ी उड़द की फसल अक्टूबर में आता है। जिसके आने में अभी भी 8 माह के समय है। घरेलु मांग की पूर्ति अब बर्मा दक्षिण भारत तमिलनाडु – आंध्र प्रदेश- तेलंगाना पर निर्भर हमारे पास जानकारी के अनुसार बर्मा में 6.5 लाख टन उडद उत्पादन अनुमान है। जबकि दक्षिण भारत (तमिलनाडु-आंध्र प्रदेश-तेलंगाना) की फसल 3.5-4 लाख टन का अनुमान। घरेलु मांग में आने वाले महीने में मजबूत रहेगा क्योंकि आगे पापड़ उद्योग का सीजन मांग भी निकलगी बाजार भाव का मानना है की चेन्नई उड़द (READY) अगले 4-6 महीना के दौरान निचे में 6800-7000 और ऊपर 8000-8200 की रेंज में कारोबार कर सकता है।
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