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ग्वार जो फलियों के लिए उगाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम “साम एबोफीकस” है और यह भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है। यह एक सूखे क्षेत्रों में उगाया जाने वाला फसल है जो प्रदर्शनशीलता के लिए जाना जाता है। ग्वार के फल लंबे और तंग होते हैं और इनमें बीज होते हैं जो खाद्य और वाणिज्यिक उपयोग के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। ग्वार खाद्य, चारा, खनिज और ऊर्जा के स्रोत के रूप में उपयोगी होता है और यह विभिन्न व्यंजनों और दालों में भी उपयोग किया जाता है।
ग्वार क्या काम आता है ?
ग्वार कई उपयोगों के लिए उपयोगी होता है। नीचे इसके कुछ उपयोग दिए गए हैं:
- खाद्य: ग्वार की फलियों को खाद्य के रूप में उपयोग किया जाता है। इनमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स होते हैं जो शरीर के लिए उपयोगी होते हैं।
- दाल: ग्वार के बीजों को दाल के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इनमें भी प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स होते हैं।
- वाणिज्यिक उपयोग: ग्वार के बीज वाणिज्यिक उपयोग के लिए उपलब्ध होते हैं। इनमें लाख की तरह की मांग होती है जो विभिन्न उद्योगों में उपयोगी होती है।
- खनिजों का स्रोत: ग्वार के पोषक तत्व और विटामिन मिनरल शामिल होते हैं जो पौधे को खनिजों से भरपूर करते हैं।
- चारा: ग्वार के पौधे को चारा के रूप में भी उपयोग किया जाता है।
- ऊर्जा का स्रोत: ग्वार के बीजों से ऊर्जा का स्रोत बनाया जाता है।
ग्वार का उत्पादन सबसे ज्यादा कहा होता है
ग्वार का उत्पादन भारत में सबसे ज्यादा होता है। भारत में ग्वार की खेती अधिकतर राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब जैसे राज्यों में की जाती है। इसके अलावा, अमेरिका, सूडान, नाइजीरिया, पाकिस्तान और ब्राजील जैसे दूसरे देशों में भी ग्वार की खेती की जाती है।
ग्वार का भाव भविष्य
ग्वार भविष्य में बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। इसे स्थायी फसल के रूप में उत्पादन किया जा सकता है जो कि कई तरह के उपयोगों के लिए उपयुक्त है।
ग्वार एक वर्षीय फसल होती है जो अपनी फलियों को तेजी से उत्पन्न करती है। यह एक सुगम फसल है जो कम जल संसाधनों पर अच्छा उत्पादन करता है। इसकी खेती से कम लागत में ज्यादा उत्पादन किया जा सकता है जो इसको एक लाभकारी फसल बनाता है।
ग्वार के बीज वाणिज्यिक उपयोग के लिए उपलब्ध होते हैं। इनमें लाख की तरह की मांग होती है जो विभिन्न उद्योगों में उपयोगी होती है। इसलिए, ग्वार उत्पादन आर्थिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है।
इसके अलावा, ग्वार की फलियों का उपयोग भोजन के लिए किया जा सकता है जो इसके स्वास्थ्य लाभों के कारण भी महत्वपूर्ण होता है। इससे आर्थिक और स्वास्थ्य से दोनों ही दृष्टियों से ग्वार का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है।
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ग्वार का मौसम
ग्वार का बढ़ता मौसम 14 -16 सप्ताह का होता है और इसके लिए मध्यम गर्म मौसम और हल्की वर्षा के साथ भरपूर धूप की आवश्यकता होती है। अत्यधिक वर्षा पौधे को अत्यधिक पत्तेदार बना सकती है, जिससे फलियों की संख्या या आकार और बीजों की संख्या कम हो सकती है। फसल आम तौर पर मानसून के बाद जुलाई के दूसरे छमाही से अगस्त के पहले भाग में बोई जाती है और अक्टूबर के अंत से नवंबर की शुरुआत में काटा जाता है। ग्वार प्राकृतिक रूप से वर्षा आधारित फसल है। ग्वार की फसल का आकार मानसून की वर्षा के आधार पर साल-दर-साल बदलता रहता है।
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ग्वार गम
ग्वार के बीजों को छीलकर, पीसकर और छानकर ग्वार गम प्राप्त किया जाता है। ग्वार गम सिरप सफेद से क्रीम रंग, मुक्त बहने वाले पाउडर और विदेशी पदार्थों से मुक्त होता है। ग्वार गम (गैलेक्टोमैनन) एक उच्च आणविक भार कार्बोहाइड्रेट बहुलक है जो बड़ी संख्या में मैनोज और गैलेक्टोज इकाइयों से जुड़ा हुआ है। कच्चा ग्वार गम हल्के सफेद रंग का पाउडर होता है जो पानी में 90% घुलनशील होता है। यह एक गैर-आयनिक पॉलीसेकेराइड है जो ग्वार बीन (फलियां साइमोप्सिस टेट्रागोनोलोबा के बीज) के ग्राउंड एंडोस्पर्म पर आधारित है। ग्वार गम एंडोस्पर्म से बनाया जाता है और इसमें थोड़ी मात्रा में फाइबर और खनिजों के साथ मोनोगैलेक्टोज के चिपचिपे पॉली समूह होते हैं।
ग्वार गम ग्रेड
ग्वार गम के विभिन्न ग्रेड का उत्पादन करने के लिए कई विधियों का उपयोग किया जाता है, लेकिन इसकी जटिल प्रकृति के कारण, खाद्य ग्रेड और औद्योगिक ग्रेड ग्वार गम का उत्पादन करने के लिए आमतौर पर थर्मो मैकेनिकल प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है।
ग्वार का आटा ऊपरी बीज कोट और बीज सामग्री से बने ग्वार गम का उप-उत्पाद है। गोंद निकालने के बाद, यह प्रोटीन का एक संभावित स्रोत है और इसमें लगभग 42% अपरिष्कृत प्रोटीन होता है। ग्वार के आटे में प्रोटीन की मात्रा खली के बराबर होती है।
ग्वार के बीज की खपत के पैटर्न काफी हद तक पेट्रोलियम उद्योग की मांगों से प्रभावित हैं, भारत दुनिया में 90% ग्वार का उत्पादन करता है, जिसमें से 72% राजस्थान से आता है।
भारत में ग्वार गम निर्यात
भारत से संसाधित ग्वार गम का 90% निर्यात किया जाता है। ग्वार गम शुद्ध या व्युत्पन्न के विभिन्न ग्रेड हैं। कठोर पदार्थों को निलंबित करने, हाइड्रोजन बॉन्डिंग के साथ पानी बाँधने, जलीय घोलों की चिपचिपाहट को नियंत्रित करने और एक मजबूत झिल्ली बनाने की इसकी क्षमता इसके तेजी से विकास और विभिन्न उद्योगों में उपयोग के लिए जिम्मेदार है। इसका उपयोग भोजन, कागज और कपड़ा उद्योगों में किया जाता है। लेकिन गोंद की सर्वाधिक मांग शेल गैस और तेल उद्योग के विस्तार के कारण है। नब्बे प्रतिशत निर्यात का उपयोग तेल और शेल गैस (शेल संरचनाओं में फंसी एक प्राकृतिक गैस) निकालने के लिए किया जाता है। शुद्ध और अशुद्ध ग्वार गम एक बहुमुखी और कुशल बायोपॉलिमर है जिसमें औद्योगिक अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला है, जिसमें तेल ड्रिलिंग, कपड़ा छपाई, मानव भोजन और पालतू भोजन, कागज, विस्फोटक, जल उपचार आदि शामिल हैं, जहां इसके कारक जैसे बाध्यकारी, झिल्ली की बनावट का मोटा होना और स्नेहन महत्वपूर्ण हैं।
भारत में ग्वार खेती के क्षेत्र
खेती क्षेत्र: राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश ग्वार गम की खेती के प्रमुख क्षेत्र हैं।
भारत तथ्य और आंकड़े: भारत दुनिया में ग्वार गम का प्रमुख निर्यातक है, यह बड़ी संख्या में देशों को ग्वार उत्पादों के विभिन्न रूपों का निर्यात करता है। देश ने 2020-21 में ₹ 1949.07 करोड़ / यूएस $ 262.99 मिलियन के मूल्य पर दुनिया को 234,871.31 मीट्रिक टन ग्वार गम का निर्यात किया।
प्रमुख निर्यात गंतव्य (2020-21): यूएसए, जर्मनी, रूस, चीन और नॉर्वे।
ग्वार का भाव भविष्य 2023
2023 में ग्वार का प्राइस 7000 और 5000 के बिच में रहने की संभावना है! भारत के साथ अभी किसी भी देश ने खरींदे का विचार नही किया है! जब किसी देश भारत से ग्वार खरीदने का तय करता है तो भारतीय किसानो की लाटरी लग जाती है! उस समय ग्वार का भाव 30,000 से 45,000 के बिच रहहने की संभावना है! क्योकि पिछली बार ग्वार की कीमत 30000 तक गयी थी! जब 2023 में कोई देश भारत से ग्वार निर्यात करता है तो 45,000 तक जा सकता है! भारत में सातवा वेतन लगाने से महगाई बढ़ गयी है!
आज का ग्वार भाव
मंडी | भाव |
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बीकानेर मंडी ग्वार भाव | 5250 से 5300 रूपये |
नोहर मंडी ग्वार भाव | 5450 से 5605 रूपये |
सिवानी मंडी ग्वार भाव | 5450 रूपये |
NCDEX ग्वार सीड | 5518+30रूपये |
रायसिंहनगर मंडी ग्वार भाव | 5410 रूपये |
गोलुवाला मंडी ग्वार भाव | 5321 रूपये |
गजसिंहपुर मंडी ग्वार भाव | 5450 रूपये |
हनुमानगढ़ मंडी ग्वार भाव | 5420 रूपये |
रावतसर मंडी ग्वार भाव | 3550 रूपये |
घड़साना मंडी ग्वार भाव | 5420 रूपये |
विजयनगर मंडी ग्वार भाव | 5450 रूपये |
गंगानगर मंडी ग्वार भाव | 5450 रूपये |
पीलीबंगा मंडी ग्वार भाव | 5300 रूपये |
करणपुर मंडी ग्वार भाव | 5434 रूपये |
अनूपगढ़ मंडी ग्वार भाव | 5410 रूपये |
रावला मंडी ग्वार भाव | 5390 रूपये |
जैतसर मंडी ग्वार भाव | 5425 रूपये |
माधोपुर मंडी ग्वार भाव | 5310 रूपये |
सिरसा मंडी ग्वार भाव | 5430 रूपये |
भिवानी मंडी ग्वार भाव | 5470 रूपये |
ऐलनाबाद मंडी ग्वार भाव | 5380 रूपये |
सिवानी मंडी ग्वार भाव | 5600 रूपये |
अबोहर मंडी ग्वार भाव | 5200 रूपये |