प्याज की खेती कब और कैसे करें, जाने प्याज की किस्म

प्याज की खेती: काफी सालो से प्याज सब्जी का राजा रहा है! और भविष्य में अपना राज जरी रखेगा! प्याज भारत के साथ साथ अन्य देश की थाली की सोभा किसी न किसी रूप से बढ़ता है! भोजन में प्याज का एक अपनी अलग ही पहचान है! प्याज से सब्जी के आलावा सलाद, आचार, मसाला और मखियो को भागने में काम आता है! प्याज के पानी का छिडकाव करने से पोधे स्वस्थ रहते है! प्याज में गंधक के साथ कई औषधीय गुण होते हैं! प्याज के सेवन से नसों में खून के प्रवाह में बाधा पैदा नहीं होती है।

भारत के कुछ राज्यों में प्याज की खेती किसानों की खुशहाली, समृद्धि और आय वृद्धि को प्रभावित का कारण बनी है। ऑर्गनिक तरीके से प्याज की खेती करने से आय में वृद्धि की जा सकती है!

प्याज की खेती के लिए ज़रूरी जलवायु

प्याज की खेती के लिए अनुकूल जलवायु वैश्विक रूप से उष्ण और उम्रगर्म होती है। प्याज फसल जो गर्म मौसम के लिए उचित है, जो मानसूनी तथा ग्रीष्मकालीन तापमान के बीच 13-24 डिग्री सेल्सियस होता है। प्याज की विकास और उगाई के लिए अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए जबकि न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस या इससे कम होना चाहिए। इसके अलावा, प्याज की खेती के लिए मुख्य रूप से समझौते की जाने वाली जलवायु शामिल हैं, जैसे कि सही मौसम, उच्च आर्द्रता, उच्च तापमान, अधिक उपलब्ध उर्वरक और उच्च वायु प्रवाह। इसलिए, एक सुखी और धूल भरी जमीन में प्याज की खेती की जानकारी और उचित जलवायु के साथ अधिकतम उत्पादकता प्राप्त की जा सकती है।

प्याज की खेती में खरपतवार नियंत्रण

प्याज की खेती में खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए कुछ उपाय हैं:

  1. बीज उत्पादन से पहले बीमारियों और कीटों का नियंत्रण करें। उचित फंगीसंक्रमण रोकथाम और उचित कीटनाशक का उपयोग करें।
  2. समय से पहले खेत में कीटों और बीमारियों की जांच करें और उचित नियंत्रण के लिए उपयुक्त कीटनाशक और फंगीसंक्रमण नियंत्रण उपयोग करें।
  3. अच्छी जलवायु के साथ खेत को स्वच्छ रखें ताकि कीटों और बीमारियों के प्रसार का खतरा कम हो।
  4. समय-समय पर अच्छी खाद डालें और जमीन की उर्वरक स्तर का संतुलन बनाए रखें।
  5. उचित फसल प्रबंधन तकनीकों का उपयोग करें, जैसे कि अनुकूल फसल व्यवस्था, खेत के बारे में उचित जानकारी, खरपतवारों के प्रति सतर्कता आदि।
  6. प्राकृतिक खेती के लिए उपयुक्त तरीकों का उपयोग करें, जैसे कि जैविक खेती, जल संचयन तकनीक, धान विरोधी फसल व्यवस्था आदि।

भारत में प्याज की खेती कहाँ पर की जाती है

भारत में प्याज की खेती विभिन्न राज्यों में की जाती है। प्याज की खेती भारत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में ज्यादातर की जाती है, जहाँ सब्जी उत्पादन की खेती उचित जलवायु, मृदा और तकनीकी विशेषताओं के कारण संभव होती है।

महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, बिहार, और ओडिशा जैसे राज्यों में प्याज की खेती की जाती है।

प्याज की खेती कितने दिन में होती है

प्याज की खेती के लिए बीज साधारण अक्टूबर और नवंबर महीनों में बोये जाते हैं। इसके बाद प्याज की खेती के लिए अगले वर्ष के मार्च या अप्रैल महीने में शुरू होता है।

प्याज की खेती के लिए समय उन्नत तकनीकों और जलवायु के अनुसार भिन्न हो सकता है। उच्च तापमान वाले क्षेत्रों में, खेती फरवरी या मार्च में भी की जा सकती है। इसके अलावा, कुछ उच्च ऊंचाईवाले क्षेत्रों में, प्याज की खेती दो बार वर्ष में की जाती है।

समग्र रूप से देखा जाए तो, प्याज की खेती का कुल समय उगाने की विशेषताओं पर निर्भर करता है जो स्थान, जलवायु, बुआई के समय और विविध अन्य कारकों से भिन्न हो सकते हैं।

प्याज की खेती के लिए उपयोगी मिट्टी

प्याज की खेती के लिए मिट्टी का चयन महत्वपूर्ण होता है। अधिकतर प्रकार की मिट्टियां प्याज की खेती के लिए उपयुक्त होती हैं, लेकिन अधिकतर चिकनी मिट्टियों में यह अधिक अच्छी तरह से उगाया जाता है।

सामान्यतया, उपयुक्त मिट्टी गहरी और उच्च उर्वरक सामग्री से भरी होती है, जो अधिकतर नहरी मिट्टी होती है। इसके अलावा, मिट्टी में सुषम पोषक तत्वों और मानव पर नकारात्मक प्रभाव न होने वाली विषाक्ति होनी चाहिए।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि मिट्टी उच्च उर्वरक सामग्री से भरी होती है, एक मिट्टी के संरचन का टेस्ट किया जा सकता है और उसके लिए लगभग समान अंशों में मिट्टी, बालू और कार्बन को मिलाकर एक गोल पट्टी बनाई जा सकती है। फिर इस गोल पट्टी को नापा जाता है और अधिकतम वजन संभव होने पर उस मिट्टी को उच्च उर्वरक सामग्री से भरी होने वाली मिट्टी माना जाता है।

इसके अलावा, प्याज की खेती के लिए मिट्टी का pH स्तर 5.5 से 6.5 के बीच होनी चाहिए।

प्याज की किस्में

प्याज की किस्मेंसंगठनकंद का रंगउपयुक्त मौसम
एन-2-4-1N-2-4-1कृषि विभाग, महाराष्ट्रलालरबी एवं पछेती खरीफ
एन-53कृषि विभाग, महाराष्ट्रलालखरीफ
एन- 257-9-1कृषि विभाग, महाराष्ट्रसफेदरबी
बसवंत –780महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, राहुरीलालखरीफ
फुले सफेदसफेदरबी
फुले सुवर्णी (आर.एच.आर.-87015)महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, राहुरीपिलारबी एवं पछेती खरीफ
फुले समर्थ (एस-1)महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, राहुरीलालपछेती खरीफ
पुसा रेडIARI नई दिल्लीलालरबी एवं पछेती खरीफ
पुसा सफेद फ्लॅटIARI नई दिल्लीसफेदरबी
पुसा सफेद राउंडIARI नई दिल्लीसफेदरबी
पुसा रत्नाहारIARI नई दिल्लीलालरबी
पुसा माधवी (लाइन-120)IARI नई दिल्लीलालरबी
आली ग्रॅनोIARI नई दिल्लीपिलारबी एवं पछेती खरीफ
ब्राउंन स्पनिश (लाँग डे)IARI नई दिल्लीभुरापहाडी स्थान पर
अरका निकतनIIHR बंगलोरलालरबी एवं पछेती खरीफ
अरका कल्याणIIHR बंगलोरलालखरीफ
अरका बिन्दुIIHR बंगलोरलालसभी मौसम (कर्नाटका)
अरका प्रगतीIIHR बंगलोरलालरबी
अरका पितांबरIIHR बंगलोरपिलारबी
अरका लालीमा (एफ-1 हायब्रिड)IIHR बंगलोरलालखरीफ एवं रबी
अरका किर्तीमान (एफ-1 हायब्रिड)IIHR बंगलोरलालखरीफ एवं रबी
हिसार – 2HAU हिसारलालरबी
एच.ओ.एस-1HAU हिसारलालरबी
अग्रीफाउंड डार्क रेडNHRDF नासिकलालखरीफ
अग्रीफाउंड लाईट रेडNHRDF नासिकलालरबी एवं पछेती खरीफ
अग्रीफाउंड व्हाईटNHRDF नासिकसफेदरबी
अग्रीफाउंड रोझNHRDF नासिकलालखरीफ (आंध्र प्रदेश)/सभी मौसम (कर्नाटका)
अग्रीफाउंड रेड (मल्टीप्लाअर)NHRDF नासिकलालखरीफ एवं रबी
एन.एच.आर.डी.एफ रेड (एल-28)NHRDF नासिकलालरबी
एन.एच.आर.डी.एफ रेड-2 (लाईन-355)NHRDF नासिकलालरबी
व्ही.एल. प्याज-1 (लाँग डे)VPKAS अल्मोरालालरबी
व्ही.एल. प्याज-3 (लाँग डे)VPKAS अल्मोरालालरबी
उदयपुर101RAU राजस्थान लालरबी
उदयपुर 102RAU राजस्थान सफेदरबी
उदयपुर 103RAU राजस्थान लालरबी
कल्याणपुर रेड राऊंडCSAUAT कानपुरलालरबी
पंजाब सेलेक्शनPAU लुढीयानालालरबी
पंडाब रेड राऊंडPAU लुढीयानालालरबी
पंजाब नरोया (पी.बी.आर.-5)PAU लुढीयानालालरबी
पंजाब-48 (एस-48)PAU लुढीयानासफेदरबी
पंजाब सफेदPAU लुढीयानासफेदरबी
सी.ओ-1  (मल्टीप्लाअर)TNAU कोयंबतुरलालखरीफ एवं रबी
सी.ओ-2TNAU कोयंबतुरलालखरीफ एवं रबी
सी.ओ-3TNAU कोयंबतुरलालखरीफ एवं रबी
सी.ओ-4TNAU कोयंबतुरलालखरीफ एवं रबी
सी.ओ-5 (मटलोर टाइप)TNAU कोयंबतुर खरीफ एवं रबी
एम.डी.यु.-1TNAU कोयंबतुरलालरबी
राजस्तान ओनियन-1(आर.ओ-1)RARS दुर्गापुरालालरबी
अर्पिता (आर.ओ.-59)RARS दुर्गापुरालालरबी
अकोला सफेदPDKV अकोलासफेदरबी
जी.डब्ल्यु.ओ.-1DAU जुनागडसफेदरबी
भीमा राजDOGR राजगुरुनगरलालरबी / खरीफ एवंपछेती खरीफ
भीमा सुपर  DOGR राजगुरुनगरलालखरीफ एवं पछेती खरीफ
भीमा रेडDOGR राजगुरुनगरलालखरीफ एवं पछेती खरीफ
भीमा किरनDOGR राजगुरुनगरलालरबी
भीमा शक्ती  DOGR राजगुरुनगरलालरबी एवं पछेती खरीफ
भीमा शुभ्रा  DOGR राजगुरुनगरसफेदखरीफ एवं पछेती खरीफ
भीमा श्वेता  DOGR राजगुरुनगरसफेदरबी
भीमा डार्क रेडDOGR राजगुरुनगर  
प्याज की किस्में

प्याज की सबसे अच्छी किस्म

प्याज की सबसे अच्छी किस्म स्थानीय मौसम और बाजार की मांग के आधार पर भिन्न होती है। उन्नत तकनीक और ताकतवर बीज के साथ आधुनिक प्रणालियों का उपयोग करके, वैज्ञानिक विश्लेषण द्वारा उत्पादित की गई कुछ उन्नत प्रजातियों में निम्नलिखित हैं:

  1. प्याज का सफेद वार्षिक (White onion) – यह भारत में सबसे अधिक उगाई जाने वाली किस्म है। इसे आमतौर पर सलाद, सूप और डिशेज़ में उपयोग किया जाता है।
  2. प्याज का लाल वार्षिक (Red onion) – यह भारत में अधिकतर उगाई जाने वाली और लोकप्रिय किस्म है। इसे तले हुए, ग्रिल, सैलेड और सब्जी में उपयोग किया जाता है।
  3. प्याज का हरा वार्षिक (Green onion) – इसकी पत्तियों और ताजे बुल्ब को ज्यादातर सलाद और सब्जी में उपयोग किया जाता है। इसका स्वाद थोड़ा तीखा होता है।
  4. प्याज का बॉडी (Bulb onion) – इसका स्वाद थोड़ा मीठा होता है और इसका उपयोग अधिकतर खाने के लिए किया जाता है।

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