दलहन भाव में तेजी मंदी रिपोर्ट : राजमां चित्रा, काबुली देसी चना और तुवर भाव

दलहन भाव में तेजी मंदी रिपोर्ट में आज राजमां चित्रा, काबुली देसी चना और तुवर भाव में तेजी और भाव गिरावट की जानकारी देखे, यह साप्ताहिक रिपोर्ट है जो एक्सपर्ट द्वारा साझा की गयी है. क्रप्या व्यापर खुद के जोखिम पर करें हमारा पोर्टल किसी लाभ अथवा हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

राजमां चित्रा – विदेशी माल महंगे हुए

यद्यपि नये-पुराने गन्ना माल 7100/8000 रुपए प्रति क्विंटल के बीच रंगत एवं दागी के हिसाब से बिक रहे हैं, लेकिन चीन का माल अक्टूबर शिपमेंट का जो 110/112 रु प्रति किलो बिका था, उसके भाव 112 / 114.50 रुपए प्रति किलो हो गए हैं। ब्राजील के भाव भी बढ़ाकर बोलने लगे हैं। अत: जब तक मंडियों में माल का दबाव नहीं बनेगा, तब तक ज्यादा नहीं घटेगी

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काबली चना-तेजी में थोड़ा विलंब लगेगा

महाराष्ट्र का काबुली चना पिछले महीने की आई भारी तेजी के बाद स्टाकिस्टों एवं सटोरियों के गले में फंस गया है। बाजारों में चर्चा है कि 128 से 130 रुपए प्रति किलो के भाव के महाराष्ट्र के काबुली चना अभी तेजी मंदी के व्यापार करने वाले कारोबारी के गले में फंसा हुआ है, जिससे जब तक वह माल निकलेगा नहीं, तब तक तेजी मुश्किल लग रही है।

वर्तमान में उन मालों के भाव 120/121 रुपए प्रति किलो रह गए हैं। हालांकि काबुली चने का स्टाक ज्यादा नहीं है, ग्राहकी निकलने पर वर्तमान भाव का काबली चना लाभदायक रहेगा।

तुवर- जड़ में मंदा नहीं

रंगून में तुवर का स्टाक ज्यादा नहीं है तथा भारतीय मंडियां खाली चलने से वहां के निर्यातक ऊंचे भाव बोलने लगे हैं। दाल मिलें इतने ऊंचे भाव में जरूरत के अनुसार ही खरीद करके मिलिंग कर रही हैं, पिछले दिनों के स्टॉक सीमा और घटा दिए जाने से कुछ माल इधर-उधर स्टाक में बचे थे, वह भी कट चुके हैं,

इन परिस्थितियों में बाजार दो-तीन दिन ठहरने के बाद फिर उछल जाएगा तथा 115 रुपए की तुवर में कभी भी 5 रुपए प्रति किलो का लाभ मिल सकता है।

देसी चना – वर्तमान भाव में और मंदा नहीं

देसी चने की आवक राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र की मंडियों में काफी कम हो जाने से दिल्ली के पड़ते नहीं लग रहे हैं, लेकिन सरकार की सेल एजेंसी नेफेड द्वारा मंदे भाव में दो दिनों के टेंडर होने से बाजार यहां भी 6275/6300 रुपए प्रति क्विंटल के निम्न स्तर आ गया है, लेकिन दाल मिलों की मांग निकलते ही देसी चना बढ़ जाएगा, क्योंकि मिलें अधिक है तथा उसके अनुरूप मंडियों में चना उपलब्ध नहीं है।

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