चने के भावों में तेजी का समय नजदीक आते नजर आ रहा है। नैफेड ने महाराष्ट्र कर्नाटक में चने के टेंडर स्वीकृत नहीं किए। मध्यप्रदेश में 4700 से 4775 एवं गुजरात में 4650 से 4750 रुपए के आसपास टेंडर स्वीकृत किए हैं दिल्ली में राजस्थान के चने की आवक नहीं है। मध्यप्रदेश का चना 5200 रुपए में मांग रहे हैं।
चने के भावों में तेजी
जानकारों के अनुसार कंपनियों की महाराष्ट्र चने में खरीदी चल रही है। अब मध्यप्रदेश में भी शुरू हो गई है। मध्यप्रदेश में मसूर एवं चने की मोटर बिल्टी में खरीदी शुरू की है। कांटे एवं विशाल दोनों किस्म के चने में कंपनियों की मांग है।
चने की आवक फिलहाल ठीक है, किंतु अगले सप्ताह से आवक कमजोर पड़ सकती है फिर शीलसप्तमी के बाद आवक का दबाव बढ़ेगा। पता नहीं चने के भावों में तेजी आने के बाद किसानी माल की आवक बढ़ती है अथवा नहीं। इस समय किसान वर्ग चना, विशाल, डॉलर एवं गेहूं की बिक्री अधिक मात्रा में कर रहे हैं। तुअर के भावों में फिर से 100 रुपए बढ़ाकर बोले गए।
डॉलर चने के भावों में पुनः गिरावट
गेहूं दालों में साधारण ग्राहकी है और भाव स्थिर रहे। डॉलर चने की आवक बढ़ने के साथ भावों में पुनः गिरावट आ गई है। कंटेनर में भी भाव घटाए हैं। नीलामी में कुछ व्यापारी बाजार की मंदी को रोकने प्रयास कर रहे थे, किंतु फिलहाल तो सफल नहीं हो सके ऊंचे भावों पर कंटेनर में लेवाल गायब हो गए।
कितने कम हुए चना भाव
इससे भावों में 400 से 500 रुपए की कमी की थी कंटेनर वाले दिनभर भावों को ऊपर नीचे करते रहते हैं। इंदौर मंडी में 6500 से 7000 बोरी एवं धामनोद में 486 वाहन की आवक रही और ऊपर में 9785 रुपए ही बिक सका। इंदौर मंडी में नीलामी में बिटकी 5800 से 6600 काक टू 7000 से 9000 डॉलर चना 9100 से 10200 बोल्ड 10300 रुपए बिका।
गेहूं की आवक
गेहूं की आवक मंडी के अंदर 8 हजार एवं मंडी गेट के बाहर 2-3 हजार बोरी की रही। मालवराज मिल क्वालिटी में जाने लगा है। कुछ मिलें अभी भी खाद्य निगम का गेहूं खरीद रही है। यह भय अभी भी बना हुआ है कि बिक्री भाव कहीं घटा दिया जाए। इसी वजह से सीमित मात्रा में खरीदी कर रहे हैं। मध्यप्रदेश अनेक मंडियों में गेहूं की आवक भरपूर मात्रा में हो रही है। आया हुआ माल हाथों हाथ बिक जाता है।
घरेलू बाजार में मक्का के भावों में गिरावट
जानकार क्षेत्रों के अनुसार घरेलू बाजार में मक्का के भावों में गिरावट आने से फिर से अफ्रीकी देशों की मांग निकलने लगी है। कंटेनर जहाज भाड़ा कम लगने से पूर्वी अफ्रीकी देश भारत से मक्का का आयात फिर से करने लगे हैं। हालांकि मांग थोड़ी – थोड़ी मात्रा में निकल रही है।
अंतरराष्ट्रीय खाद्यान्न परिषद के अनुसार अर्जेंटीना 314 डॉलर, ब्राजील 310 डॉलर अमेरिका 300 डॉलर एफओबी के आसपास भाव बोले थे, लेकिन विश्लेषकों के अनुसार किराया लागत कम पड़ने से भारतीय निर्यातकों द्वारा दक्षिण पूर्व एशिया और खाड़ी देशों के लिए 308 से 311 डॉलर प्रति टन में मक्का की बेचवाली करने की चर्चा रही। पिछले दिनों वियतनाम से कुछ मात्रा में सौदे होने की चर्चा रही। स्टॉकिस्टों की घंटे भावों पर नहीं बेचने से नए सौदे अटकने लगे हैं। रहे