अजमेर में मौसम अपना मिजाज बादल रहा है, सुभः हल्की बारिश से लोगो को ठंड का एहसास करवाया है. जिलें में कही हल्की बारिश तो कही तेज बारिश देखने को मिली है. फिर दें भर कभी गर्मी तो कभी छाव देखने को मिली है कम बारिश होने के कारण जिले में उमस वाली गर्मी ने प्परेशान किया है. लम्बे समय से बारिश नहीं होने के कारण जमीन में गर्मी समा गयी बारिश होने के कारण गर्मी से बाहर निकलना शुरू कर दिया. जिले में 33 से 24 डिग्री तापमान रहा है. आज 4 बजे जयपुर रोड , पुलिस साइंस, सिविल लाइंस, वैशाली नगर, माकड़वाली रोड, पंचशील, शास्त्री नगर, लोहागल, फायसागर रोड, रामगंज, केसरगंज, सुभाष नगर के क्षेत्र में बारिश देखने को मिली है.
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मानसून के 16 दिन अभी है बाकि
इस साल मानसून में 16 दिन बाकी हैं। जून-जुलाई के अलावा कहीं भी भारी बारिश नहीं हुई है. हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ के कारण मार्च से मई तक कई बार बारिश हुई। लेकिन पूरे अगस्त और सितंबर के पहले पखवाड़े में मात्र 30 मिमी बारिश रिकार्ड की गयी.
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आगे क्या..
बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से अगले दो-तीन दिनों में राज्य के विभिन्न इलाकों में बारिश की संभावना है. इसके बाद सितंबर के दूसरे पखवाड़े में भी कई जगहों पर बारिश होने की संभवाना है. सिंचाई विभाग ने अब तक 465 मिमी बारिश रिकार्ड की है।
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बारिश का बड़ा कारन- साफ-सफाई बदहाल
अरावली पहाड़ियों से घिरा, अजमेर हर साल लगभग 1.50 वर्ग किमी की औसत दर से विस्तार कर रहा है। 2010 तक अजमेर का क्षेत्रफल 150 वर्ग किमी था, जो अब बढ़कर लगभग 300 वर्ग किमी के आसपास हो गया है। लेकिन शहरीकरण के विस्तार के अनुपात में शहरी प्रबंधन बिल्कुल भी बेहतर नहीं है। शहरी सीमा और आसपास के गांवों की कई कॉलोनियों की हालत खराब है। कम दबाव से पानी की आपूर्ति, गंदी नालियां, अतिक्रमण, जल जमाव और कुछ स्थानों पर क्षतिग्रस्त सड़कें जैसी स्थितियां और समस्याएं हैं।