किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के तहत आसानी से लोन दिलाने में मदद के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मंगलवार को ‘किसान लोन पोर्टल’ का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यकर्म परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में डोर-टू-डोर केसीसी अभियान और विंड्स (मौसम सूचना नेटवर्क डेटा सिस्टम) पोर्टल भी लॉन्च किया जाएगा। कृषि मंत्रालय के रिपोर्ट के अनुसार, किसान ऋण डिजिटल प्लेटफॉर्म अधिक लक्षित और कुशल कृषि ऋण प्राप्त करने के लिए बैंकों के साथ सहज एकीकरण के साथ किसानों के डेटा, ऋण संवितरण विनिर्देशों, ब्याज दर सब्सिडी अनुरोधों और कार्यक्रम उपयोग में प्रगति का एक व्यापक दृश्य प्रदान करता है।
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पिछले आंकड़ो के अनुसर भारत में 7.35 करोड़ केसीसी धारक है एक रिपोर्ट में कहा गया कि 30 मार्च तक देश में करीब 7.35 करोड़ केसीसी खाते हैं, जिनकी कुल ज्यादा से ज्यादा सीमा 8.85 लाख करोड़ रुपये है. सरकार के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अगस्त अवधि के दौरान सरकार ने रियायती ब्याज दरों पर 6,573.50 करोड़ रुपये के कृषि ऋण बांटे. केसीसी लाभ बढ़ाने के लिए घर-घर अभियान केंद्रीय योजना ‘पीएम-किसान’ के गैर-केसीसी धारकों तक पहुंचेगा, जिसके तहत हर साल प्रत्येक लाभार्थी के बैंक खाते में 6,000 रुपये दिए जाते हैं।
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फसल जोखिम शमन और आपदा जोखिम न्यूनीकरण उपायों और बीमा क्षेत्र द्वारा प्रबंधित अनियोजित पैरामीट्रिक बीमा कार्यक्रमों के अलावा, मंत्रालय की पैरामीट्रिक फसल बीमा योजना की जानकारी भी WINDS पोर्टल पर उपलब्ध होगी। KCC योजना 1998 में शुरू की गई थी। इस योजना से जुड़े बैंक किसानों को 4% की ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है. इस योजना की शुरुआत भारतीय रिजर्व बैंक और नाबार्ड द्वारा की गई थी। भारत के वे किसान जिसके पास कृषि योग्य भूमि है वह ऋण के लिए आवेदन कर सकते है.