जलवायु परिवर्तन का दुष्परिणाम झेल रहे किसानों की परेशानी दूर करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ( आइसीएआर ) के वैज्ञानिकों ने गेहूं की नई किस्म एचडी-3385 विकसित की है। गेहूं की यह नई किस्म एचडी-3385 अधिक तापमान में भी ज्यादा उत्पादन देगी।
किसान साथियों, इस पोस्ट के पीछे हमारा उद्देश्य यह है की आपके नजदीक किसी किसान ने एचडी-3385 किस्म उगाई है तो उनका आंकलन करे. ताकि भविष्य में आप भी बेहतर उत्पादन पा सके.
गेहूं की नई किस्म
गेहूं की इस किस्म का नाम एचडी-3385 दिया गया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि नई किस्म की पैदावार एचडी-3410 के समान है, जिसका उत्पादन पिछले वर्ष 7.5 टन प्रति हेक्टेयर दर्ज किया है। नई किस्म के पौधे की ऊंचाई 95 सेमी है। इसके तने काफी मजबूत है नई किस्म की फसल पकने कम समय लेती है और जल्दी बुवाई के लिए उपयुक्त है।
परीक्षण के दौरान 22 अक्टूबर को बोई गेहूं की नई किस्म अभी परागण अवस्था में पहुंच गई है, जबकि सामान्य समय में लगाए गेहूं के लिए बालियों का उभरना शुरू होना बाकी है। गेहूं की फसल आमतौर पर 140-145 दिन के बाद पकती है। बुआई 20 अक्टूबर के पहले हो जाए तो इसकी कटाई मार्च में हो सकती है।
बीते साल भी मार्च के महीने में तापमान वृद्धि से फसल उस समय झुलस गई थी जब वे अनाज स्टार्च और प्रोटीन जमा कर रही थी किसानों की परेशानी की बड़ी वजह यही है कि अभी गेहूं की कटाई अप्रेल में ही हो सकती है। पिछले साल मार्च में तापमान में रेकॉर्ड वृद्धि हुई थी।
नई किस्म एचडी-3385 से रुकेगी महंगाई
- यह खोज ऐसे समय सामने आई है जब अनाज की कीमतों में भारी वृद्धि दर्ज की है। बीती जनवरी में पिछले साल की तुलना रेकॉर्ड 16.12 % की वृद्धि हुई है।
- इसकी मुख्य वजह गेहूं और आटे की कीमतों में बढ़ोतरी ही है, जिसकी उपभोक्ता महंगाई दर में 25.05 % की वृद्धि देखी गई.
- गेहूं की महंगाई से निबटने के लिए सरकार को भंडार खोलना पड़ा इससे एक फरवरी को सरकारी गोदामों में सिर्फ 154.44 लाख टन ही गेहूं रह गया। यह पिछले छह महीने में सबसे कम है।
इस बार हो सकता है नुकसान
फरवरी में रेकॉर्ड तोड़ गर्मी का आना आम लोगों के साथ – साथ किसानों के लिए भी काफी नुकसानदायक साबित हो रहा है। गेहूं की फसल खेतों में ही है।
उम्मीद की किरण बने वैज्ञानिक
आशंका है कि इस बार भी कहीं कहीं किसानों को नुकसान उठाना पड़े। ऐसे में वैज्ञानिकों की उपलब्धि उम्मीद की किरण बनकर आई है। इससे किसान गेहूं का उच्छा उत्पादन पा सकेंगे।
पहले बुआई में क्या दिक्कत
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व मध्य प्रदेश में गेहूं बुआई नवंबर में होती है। क्योंकि, धान, कॉटन व सोयाबीन के उत्पादन के बाद ही किसान गेहूं लगाते हैं। कम समय में पकने के कारण एचडी-3385 किस्म लाभदायक है।