मटर सप्ताहिक रिपोर्ट 1 मई 2023: पिछले सप्ताह सुरुवात सोमवार कानपुर यूपी 4350/4500 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 4200/4300 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान मटर मे बिकवाली का दबाव बना रहने व मांग कमजोर बनी रहने से -200 रूपये प्रति कुन्टल गिरावट दर्ज हुआ, मटर कानपुर बिकवाली का दबाव बना रहने व ग्राहकी कमजोर बनी रहने से चालू साप्ताह के दौरान मटर की कीमतों में गिरावट का रुख रहा।
इसी प्रकार ललितपुर मटर में भी इस साप्ताह 100/200 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गयी और इस गिरावट के साथ भाव सप्ताहांत में 3650/4100 रुपए प्रति क्विंटल रह गए। बिकवाली का दबाव बढ़ने व लिवाली कमजोर बनी रहने जालौन मटर में इस साप्ताह 25/50 रुपए प्रति क्विंटल की नरमी दर्ज की गयी और इस नरमी के साथ भाव सप्ताहांत में 3800/4000 रुपए प्रति क्विंटल रह गयी।
मटर सप्ताहिक रिपोर्ट 1 मई 2023
इसी प्रकार महोबा मटर में भी इस साप्ताह 150 रुपए प्रति क्विंटल का मंदा रहा और इस मंदे के साथ भाव सप्ताहांत में 3800/4200 रुपए प्रति क्विंटल रह गए। मटर दाल मटर की गिरावट के असर व मांग कमजोर बनी रहने से चालू साप्ताह के दौरान मटर दाल की कीमतों में 100 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गयी और इस गिरावट के साथ भाव सप्तहांत में कानपुर 4550/4600 रुपए प्रति क्विंटल रह गयी।
मटर आयात प्रतिबंधित होने के बाद कई वर्षों तक मटर चना से ऊंची बिक रही थी जो अब घटने लगी। लम्बे समय से मटर बाजार में आई गिरावट से कारोबारियों के सब्र का बाँध टूटने लगा मंडियों में आवक को देखें तो इस वर्ष मटर की अच्छी फसल आई। धीरे-धीरे मटर बाजार अब चना बाजार के ट्रेंड पर चल रहे हैं।
मटर सप्ताहिक रिपोर्ट 1 मई 2023
चना की कीमतों पर रखें नजर, उसी अनुपात में मटर बाजार में घट बढ़ देखी जा सकती है। मटर में खरीद बेच का कारोबार करें स्टॉकिंग से करें परहेज।मौसम विभाग ने इस वर्ष जून से सितम्बर तक अलनीनो का सामान्य प्रभाव आने की रिपोर्ट दी और कहा कि इंडियन ओशियन डाईपूल के कारण अलनीनो न्यूट्रल भी रह सकता है परन्तु साथ हो कुछ क्षेत्रों में बारिश की कमी देखी जा सकती है। ऑस्ट्रेलिया मौसम विभाग भारत में अलनीनो के चांस अधिक होने की दी रिपोर्ट। अगर भविष्य में मौसम खराब रहा तो आगामी सीजन कृषि उद्योग के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण रह सकता है।
पिछले 3 वर्षों से भारत में बारिश अच्छी होने से फसलों का उत्पादन व उपलब्धता बढ़ी थी। दबाव के बावजूद सरकार मटर के आयात की अनुमति देने के पक्ष में नहीं। केन्द्र सरकार द्वारा निकट भविष्य में विदेशों से पीली मटर के आयात की अनुमति दिए जाने की संभावना नहीं है क्योंकि उसका मानना है कि चालू रबी सीजन के दौरान देश में चना का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है और इसका दाम भी न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे चल रहा है।
ऐसी हालत में यदि पीली मटर का आयात खोला गया तो चना का बाजार भाव घटकर और भी नीचे आ सकता है जिससे चना उत्पादकों को भारी कठिनाई हो सकती है। मालूम हो कि पीली मटर को देसी चना का एक बेहतर विकल्प माना जाता है। दिलचस्प तथ्य यह है कि व्यापारिक समुदाय (आयातक वर्ग) पीली मटर के आयात की स्वीकृति देने के लिए सरकार पर भारी दबाव डाल रहा है।
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